हवा में उड़ा आदेश : 5 लोगों की थी अनुमति और महाकुंभ में उमड़े 45 हजार से अधिक लोग

– चंबल चुनर यात्रा निकली..महाकुंभ के मंच पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश सरकार के मंत्री हरदीप डंग सहित कई नेता मंच पर रहे मौजूद..

मंदसौर. कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। सरकार लोगों से सावधानी बरतने की लगातार अपील कर रही है और प्रशासन भी कई तरह की पाबंदियों के जरिए अभी भी जनता को कोरोना से सतर्क रहने का पाठ पढ़ा रहा है लेकिन इसके बावजूद मंदसौर जिले के बसई में चंबल नदी के तट पर शनिवार को हुए चंबल महाकुंभ में जो तस्वीर नजर आई वो शासन के आदेशों को हवा में उड़ा देने वाली है। यहां चंबल को मालवा की गंगा का दर्जा दिए जाने के संकल्प को लेकर हुए आयोजन से पूर्व प्रशासन ने 5 से अधिक लोगों के जुटने पर पाबंदी लगा दी थी, लेकिन महाकुंभ में करीब 45 हजार लोग उमड़ पड़े। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, कैबिनेट मंत्री हरदीपसिंह डंग, रामायण के राम अभिनेता अरूण गोविल सहित महामंडलेश्वर मधुसूदन शास्त्री की मौजूदगी में कई नेताओं ने कोविड नियम भूला दिए और मास्क पहने भी नजर नहीं आए।

 

महाकुंभ में जुटे हजारों लोग
कोविड के डर और प्रतिबंधात्मक आदेश को पीछे छोड़ते हुए शनिवार को चंबल महाकुंभ का आयोजन हुआ। प्रशासन ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए और पांच से अधिक लोगों के जुटने पर प्रतिबंध था, लेकिन चंबल तट पर 45 हजार से अधिक भीड़ उमड़ी। दिनभर मुख्य मार्ग पर जाम लगा रहा। अतिथि तीन घंटे से अधिक देरी से पहुंचे तो लोग तेज धूप और गर्मी के कारण परेशान हुए। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने चंबल को साफ रखने का संकल्प दिलाया और कहा कि अब तक की सरकारों ने गंगा के लिए काम नहीं किया। केंद्र की मोदी सरकार ने गंगा के लिए बड़ा काम किया है, रामायण में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल ने जनता से सीधा संवाद किया। उन्होंने रामायण के प्रसंग और डायलॉग भी सुनाए। उन्होंने कहा कि नदियों को मां माना गया तो फिर इन्हें हम ही मैली क्यों कर रहे है। उन्होंने आत्ममंथन करने की बात कही तो नदियों का महत्व बताया। सांसद सुधीर गुप्ता ने कहा कि भारत की गो, गंगा और गीता की संस्कृति रही है। उन्होंने भारतीय संस्कृति की महत्ता भी बताई।

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