बच्चे गांव से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। स्थानीय निवासी सुंदर नेताम ने बताया कि गांव तक एम्बुलेंस, डायल 100 जैसे वाहन नहीं पहुंच पा रहे हैं। किसी के बीमार होने, सर्पदंश, प्रसव आदि मामले में ग्रामीणों की मदद से मरीज को तीन किलोमीटर खाट व अन्य साधन से गांव के मुख्य मार्ग तक पहुंचाया जाता है। इन्ही समस्याओं के कारण मरीजों को समय पर उपचार नहीं मिल पाता है जिससे स्थिति गंभीर हो जाती है। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को समस्या से अनेक बार अवगत करा चुके हैं। इसके बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है। अब स्कूल भी खुलने लगे हैं ऐसे में स्कूल जाने वाले बच्चों को कीचढ़ से निकलने में भारी दिक्कतें होती है। गणवेश खराब होने के कारण कई बार घर वापस लौटना पड़ता है। किसानों, महिलाओं सभी वर्ग के लोगों को परेशान होना पड़ रहा है।