फसल नहीं कटी तो धीमी पड़ी उपार्जन प्रक्रिया

दो दिनों में मात्र 11 किसान पहुंचे उपार्जन केेंद्र में

<p>Procurement process slowed if crop is not cut</p>

मंडला. जिले के पंजीकृत किसानों से गेहूं खरीदी शुरू हुए दो सप्ताह से अधिक का समय बीत चुका है। इसके बावजूद जिले में गेहू उपार्जन गति नहीं पकड़ सका है। जिले में गेहूं उपार्जन की धीमी रफ्तार का अंदाजा महज इस बात से लगाया जा सकता है कि 13 एवं 14 अप्रैल को जिला मुख्यालय के खरीदी केंद्र लैम्प्स समिति में मात्र 11 किसान पहुंचे। उक्त अवधि में मात्र 164 क्विंटल गेहूं बेचा गया। यही धीमी रफ्तार पूरे जिले में देखी जा रही है। जिले में पिछले दो सप्ताह में मात्र 960 किसानों नें अपना गेहूं बेचा है जबकि जिले भर में 50 उपार्जन केंद्रों की स्थापना की गई है जहां से किसान गेहूं विक्रय कर सकते हैं।
खेतों में है फसल
जिले के किसानों का कहना है कि लगातार बिगड़ते मौसम के कारण अब तक अधिकांश किसानों के खेतों की फसल की कटाई नहीं हो पाई है। कोरोना संकट के कारण न ही मजदूर मिल रहे हंै और न ही हार्वेस्टर। खेतों में फसल पककर तैयार है लेकिन किसानों की परेशानी यह है कि वे उसकी कटाई नहीं करवा पा रहे हैं। जिले भर में अब तक 4275 मीट्रिक टन फसल का विक्रय उपार्जन केंद्रों पर हो सका है। 15 मई तक किसान शासन को अपनी फसल बेच पाएंगे। विभागीय जानकारी के अनुसार, इस वर्ष लगभग 80 हजार मीट्रिक टन की खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। बताया जा रहा है कि ऐसी ही धीमी गति रही तो निर्धारित तिथि तक उपार्जन प्रक्रिया को संपन्न कर पाना मुश्किल होगा।

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