व्रत-उपवासों का सिलसिला शुरू, फलाहारी वस्तुओं के महंगे होने की संभावना
मंडला. पेट्रोल-डीजल की कीमतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी की वजह से सब कुछ महंगा हो गया है। इसका असर फलों के बाजार पर भी देखने को मिल रहा है। देश के कई इलाकों में डीजल 90 के पार तो पेट्रोल 100 रुपए से अधिक कीमत पर बिक रहा है। चूंकि जिले में सभी तरह के फल बाहर की फल मंडियों से ही बुलवाए जाते हैं। पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढऩे के कारण माल भाड़ा बढ़ा है और इस कारण फलों की कीमतों में जबर्दस्त इजाफा हुआ है। व्रतों और उपवासों का मास सावन शुरू होने के कारण बाजार में फलों की मांग बढ़ गई है लेकिन बारिश के कारण कई तरह के फलों की आवक कम हो चुकी है। यही कारण है कि कुछ ही दिनों के अंतराल में फलों की कीमतों में भी जबर्दस्त बढ़ोत्तरी हो चुकी है।
इनके दाम आसमान पर
कुुछ दिनों से पूरे प्रदेश के साथ आसपास के उन प्रदेशों में भी तेज बारिश का दौर शुरू हो चुका है जहां से फल जिले की मंडियों में आते हैं। बारिश होने के कारण वहां से फलों की आवक कम हो गई है। इनमें प्रमुख है आम फल, आम की आवक भी अब धीरे-धीरे कम होने लगी है इसलिए कीमत में बढोत्तरी हो चुकी है। आशंका जताई जा रही है कि अगर बारिश लगातार होती रही तो कीमतें और बढ़ सकती हैं।
आम जनता की पसंदीदा फलों में सेब का सबसे अधिक महत्व है और सभी तरह के पूजन अनुष्ठान में सेव फल को प्रमुखता से शामिल किया जाता है। सेब के दामों में चार गुना बढ़ोत्तरी हो चुकी है जिसके चलते अब अधिकतर लोगों ने इससे खरीदने से परहेज करना शुरू कर दिया है। फल व्यापारी उमेश कुमार, मनीष कछवाहा का कहना है कि दशहरी आम जो कुछ दिनों पहले तक 80 रुपए से 120 के भाव से बिक रहा था वही अब 35 रुपए से 50 रुपए पाव यानि 150-200 रुपए किलो के भाव फुटकर बाजार में बिक रहा है। सेब के दाम भी आसमान को छू रहे हैं। फिलहाल बाजार में सबसे महंगा सेब कश्मीरी सेब है जो 60-80 रुपए पाव यानि 240-320 रुपए प्रति किलो के भाव से बिक रहा है।