किशोरावस्था में शरीरिक परिवर्तन के लिए तैयार रहे

6 दिवसीय पीयर एजुकेटर का साप्ताहिक प्रशिक्षण आयोजित

<p>किशोरावस्था में शरीरिक परिवर्तन के लिए तैयार रहे</p>
किशोरावस्था में शरीरिक परिवर्तन के लिए तैयार रहे
मंडला। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग द्वारा किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत नारायणगंज में दो बैच और बीजाडांडी में दो बैच में साप्ताहिक प्रशिक्षण का द्वितीय दिवस आयोजित किया गया। प्रशिक्षण की शुरूआत उपस्थित मास्टर ट्रेनर साथियां, सहयोगनी, आशा कार्यकर्ता, एएनएम ने प्रार्थना से की। जिसमें आशा कार्यकर्ता, सहयोगनी और 15 से 17 वर्ष के पीयर एजुकेटर मौजूद रहे। जिसमें उपस्थित साथिया को मॉड्यूल द्वितीय किशोरावस्था में बदलाव, जिसमें शारीरिक बदलाव, मानसिक बदलाव और भावनात्मक बदलाव पर विस्तृत चर्चा की गई।
जानकारी अनुसार जिले के दो विकासखंड नारायणगंज व बीजाडांडी में साथिया का 6 दिवसीय साप्ताहिक प्रशिक्षण शुरू किया गया है। जिसके अंतर्गत द्वितीय सप्ताह के मॉड्यूल 2 में किशोरावस्था में बदलाव विषय पर पूरे सत्र में साथिया को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में प्रशिक्षक प्रशिक्षक पूजा बरमैया, संगीत सिंगरौरे, संजय सोनी, शोभना कांड्रा, रेखा गोटिया, प्रवीण राय, वंदना यादव, शिवप्रसाद नंदा द्वारा उपस्थित साथिया, आशा कार्यकर्ता, सहयोगनी, एएनएम किशोर साथिया, किशोरी साथिया उपस्थित रहीं। प्रशिक्षण के दौरान उपस्थित साथिया, आशा को हाथ धोने के सभी स्टेप बताए।

गतिविधि के माध्यम से किशोर किशोरी साथिया को बताया गया कि एक पेड़ की वृद्धि कैसे होती है। पहले बीज लगाया जाता है उसके बाद बीज अंकुरित होता है फिर पौध बनता है, और फिर परिपक्व पेड़ बनता है। इस परिवर्तन को एक गतिविधि के माध्यम से बताया गया। इसके साथ किशोरावस्था में कौन-कौन से बदलाव होते है, इसके बारे में विस्तार से बताया। आगे बताया गया कि कुछ परिवर्तन किशोर किशोरी पर निर्भर करते है, इसलिये हमारा शरीर अलग तरह से विकसित होते है। किशोर किशोरी साथिया को बताया गया कि महिलाओं और पुरूषों में कुछ परिवर्तन एक समान होते है और कुछ प्रमुख परिवर्तन अलग-अलग होते है।
किशोरियों को तैयार रहने की जरूरत :
प्रशिक्षण के अगले सत्र में गतिविधि और केस स्टेडी के माध्यम से महिलाओं में माहवारी के चक्र को समझना और लड़कों में स्वप्न दोष को समझाया गया। यहां किशोरियों में होने वाली माहवारी को चित्र के माध्यम से विस्तार से बताया गया। उन्हें बताया गया कि माहवारी एक प्राकृतिक क्रिया है जो हर किशोरी, महिलाओं के साथ होती है। इसके लिए किशोरियों को पहले से तैयार रहना चाहिए। इन्हें बताया गया कि माहवारी से जुड़ी कुछ अंधविश्वास बातों से दूर रहना चाहिए। इस दौरान महिलाओं और किशोरियों को साफ सफाई का विशेष ख्याल रखना चाहियें और माहवारी के दौरान उपयोग होने वाले सेनेटरी नेपकिन और कपड़े का निपटान सुरक्षित ढंग से करना चाहिए। जिससे संक्रमण फैलने का खतरा न हो।
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