जिले में स्वास्थ्य विभाग का मैदानी अमला खतरे के घेरे में
मंडला. जिले में कोरोना संक्रमण अपने चरम पर है। प्रतिदिन औसतन 60-70 लोग इस जानलेवा संक्रमण की गिरफ्त में आ रहे हैं। सारा प्रशासनिक तंत्र इस महामारी के खिलाफ एकजुट होकर लडऩे और इसे हराने का दावा कर रहा है। लेकिन सच तो यह है कि मैदानी स्तर पर यह दावा पूरी तरह से खोखला सिद्ध हो रहा है। इस संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए चिकित्सक, स्टाफ नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, एएनएम, आशा कार्यकर्ता सभी को दायित्व सौंपे गए हैं लेकिन इन कोरोना वॉरियर्स को अधूरी तैयारी के साथ मैदान में उतारा गया है। इन कोरोना वॉरियर्स के पास न ही पर्याप्त ग्लब्स हैं, न मास्क और न ही सैनेटाइजर। यही कारण है कि अब तक 72 हेल्थ केयर वर्कर्स कोविड-19 की गिरफ्त में आ चुके हैं।
नहीं मिला फेस शील्ड
कोरोना वॉरियर्स को न केवल कोरोना संक्रमितों की जांच पड़ताल के लिए जाना पड़ रहा है बल्कि उनकी सैंपलिंग के बाद क्वारंटीन करने के बाद उनका नियमित उपचार भी करना होता है। इसकारण उनके संक्रमित होने का खतरा कई गुना अधिक होता है। कोरोना वॉरियर्स को इस खतरे से बचाए रखता है फेस शील्ड। जिससे उनका पूरा चेहरा ढंका रहता है। लेकिन विडंबना यह है कि इस वर्ष 2021 को कोरोना संकट के दौरान किसी भी हेल्थ केयर वर्कर को
फेस शील्ड उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक इस वर्ष शासन स्तर पर ही इसकी सप्लाई नहीं की गई है। गत वर्ष 2020 के कोरोना संकट के दौरान लगभग 10 हजार फेस शील्ड जिले को उपलब्ध कराए गए थे। हेल्थ केयर वर्कर्स को ये फेस शील्ड उपलब्ध कराए गए थे लेकिन इस वर्ष ऐसी कोई व्यवस्था नहीं।
नहीं मिल रहे मास्क ग्लब्स
मैदान में डटे हेल्थ केयर वर्कर्स को मास्क, ग्लब्स और सैनेटाइजर उपलब्ध कराया जाना अनिवार्य है। जानकारी के अनुसार, सीएमएचओ कार्यालय से उक्त तीनों सामग्रियां ब्लॉक स्तर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को उपलब्ध कराई जाती हैं और वहां से इन्हें हेल्थ केयर वर्कर्स को वितरित किया जाता है। बताया जा रहा है कि सीएचसी से इनका वितरण उचित तरीके से नहीं किया जा रहा है। जबकि सीएमएचओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, प्रति सप्ताह सीएचसी की मांग के अनुसार उन्हें, मास्क, ग्लब्स और सैनेटाइजर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
10 अब भी एक्टिव
स्वास्थ्य विभाग की जानकारी के अनुसार, इस कोरोना संकट के दौरान जिले भर में कुल 72 हेल्थ केयर वर्कर्स कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 10 पर अब भी संक्रमण का खतरा बना हुआ है और इनका उपचार चल रहा है। शेष 62 हेल्थ केयर वर्कर्स पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं।