मिले थे बिजनेस के कई अवसर
संचिता ने बताया कि कॉलेज की पढ़ाई के बाद पिता ने बिजनेस करने के अवसर दिए, लेकिन उन्हें अपना वजूद बनाना था। इसलिए डिजिटल मार्केटिंग में कदम रखा। कम समय में इनकी उपलब्धि को देख अन्य कंपनियां भी संपर्क कर रही हैं।
हर काम खुद किया हैंडल
संचिता की मां समीक्षा बताती हैं कि बेटी ने कभी हमसे मदद नहीं मांगी। हर छोटे से बड़ा काम खुद ही हैंडल किया। पिता राजीव गुप्ता ने कहा कि बेटी ने हमारी पहचान का फायदा नहीं लिया। वह अपनी मेहनत से आगे बढ़ रही है।
आदिवासी बच्चों कर रहीं शिक्षित
संचिता फ्रेंड ऑफ ट्राइबल सोसायटी एंड एकल युवा के ग्वालियर यूथ विंग की चेयरपर्सन हैं। वह गांव एवं शहर के स्लम एरिया में रहने वाले बच्चों को एजुकेशन, हेल्थ केयर, राइट्स के बारे में बताती हैं। वह जरूरतमंदों के लिए फंड रेज भी कर चुकी हैं।
पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता और बिजनेसमैन राजीव गुप्ता की बेटी हैं संचिता