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क्रॉस कल्चर कम्युनिकेशन स्किल्सइंटरनेशनल बिजनेस में किसी भी पद पर काम करने का मतलब है कि एक अलग देश या पृष्ठभूमि के लोगों के साथ विभिन्न कार्यस्थलों पर काम करना है। ऐसे में चाहे वह टीम का सदस्य हो या ग्राहक, यह एक अनिवार्य कौशल है कि प्रोफेशनल यह समझें कि संवाद कैसे करना चाहिए। इसके लिए प्रोफेशनल का ओपन माइंडेड होना और अन्य लोगों के संवाद पर शोध करना जरूरी है। संचार के समय सांस्कृतिक अंतर और विविधताओं को जानने, समझने और उनकी सराहना करने का प्रयास करें। यह समझना जरूरी है कि अलग-अलग जगहों पर संवाद कैसे करते हैं।
शांत प्रक्रिया को अपनाएं
भावनात्मक रूप से बुद्धिमान लोग आत्म जागरुक होते हैं और अपनी भावनाओं को नियंत्रित करते हैं यानी कि वे अहम व तनावपूर्ण व्यावसायिक स्थितियों में शांति से प्रतिक्रिया करने में सक्षम होते हैं। इसलिए यह स्किल एक कॉर्पोरेट सेक्टर में कम्युनिकेशन के लिए बेहद जरूरी होती है। हालांकि यह ऐसा कौशल जो प्राप्त करने के बजाय समय दर समय सीखकर अनुभव के साथ आता है।
भावनात्मक रूप से बुद्धिमान लोग आत्म जागरुक होते हैं और अपनी भावनाओं को नियंत्रित करते हैं यानी कि वे अहम व तनावपूर्ण व्यावसायिक स्थितियों में शांति से प्रतिक्रिया करने में सक्षम होते हैं। इसलिए यह स्किल एक कॉर्पोरेट सेक्टर में कम्युनिकेशन के लिए बेहद जरूरी होती है। हालांकि यह ऐसा कौशल जो प्राप्त करने के बजाय समय दर समय सीखकर अनुभव के साथ आता है।
क्राइसेस मैनेजमेंट में जरूरी
व्यवसाय में परेशानी आती जाती रहती है। लेकिन यदि सोच और व्यवहार को नियंत्रित न किया जाए तो परिस्थिति धीरे-धीरे बिगडऩे लगती है। ऐसे में यदि बिजनेस में उतार चढ़ाव आता है तो सबसे पहले खुद को संभालते हुए कर्मचारियों से इस तरह संचार करें कि वे प्रभावित होकर सकारात्मक हों और खराब परिस्थिति में भी अपने काम के स्तर को मजबूत बनाए रखें। साथ ही कॉर्पोरेट सेक्टर में संचार एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें कोई निर्धारित नियम नहीं होता। कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन के लोगों को व्यावसायिक संचार के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए रणनीति और रास्ता तय करने के लिए अच्छा नियोजक होना जरूरी है। कॉर्पोरेट संचार के व्यक्ति में तेज गति से आगे बढऩे के लिए कॉर्पोरेट व्यवसाय, संस्कृति, उद्देश्यों और लोगों की विविधता को सही व पूरी तरह से समझने की क्षमता होनी चाहिए। ऐसा संचार कॉर्पोरेट सेक्टर में बिजनेस की पहचान बनाता है।
व्यवसाय में परेशानी आती जाती रहती है। लेकिन यदि सोच और व्यवहार को नियंत्रित न किया जाए तो परिस्थिति धीरे-धीरे बिगडऩे लगती है। ऐसे में यदि बिजनेस में उतार चढ़ाव आता है तो सबसे पहले खुद को संभालते हुए कर्मचारियों से इस तरह संचार करें कि वे प्रभावित होकर सकारात्मक हों और खराब परिस्थिति में भी अपने काम के स्तर को मजबूत बनाए रखें। साथ ही कॉर्पोरेट सेक्टर में संचार एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें कोई निर्धारित नियम नहीं होता। कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन के लोगों को व्यावसायिक संचार के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए रणनीति और रास्ता तय करने के लिए अच्छा नियोजक होना जरूरी है। कॉर्पोरेट संचार के व्यक्ति में तेज गति से आगे बढऩे के लिए कॉर्पोरेट व्यवसाय, संस्कृति, उद्देश्यों और लोगों की विविधता को सही व पूरी तरह से समझने की क्षमता होनी चाहिए। ऐसा संचार कॉर्पोरेट सेक्टर में बिजनेस की पहचान बनाता है।