सेल्फ अवेयरनेस
इमोशनल इंटेलिजेंस का मुख्य आधार सेल्फ अवेयरनेस है। स्ट्रेंथ और विल पावर को लेकर अवेयर रहने वाले एम्प्लॉइज को इमोशनल इंटेलिजेंस के मॉड्यूल में जरुर शामिल करना चाहिए। सेल्फ अवेयरनेस का चैप्टर कहता है किसी भी एम्प्लॉई को टास्क देने से पहले उसके साथ आपके टीम लीडर को इंटरेक्शन करना चाहिए, ताकि उस प्रोजक्ट के प्रति वह कितना संवेदनशील है या कितनी विल पावर से वह प्रोजक्ट को पूरा कर सकता है कि जानकारी आपको मिल सके। सैल्फ अवेयर एम्प्लाई किसी भी स्टार्टअप के लिए बेनिफिशियल साबित हो सकते हैं।
बूस्ट पॉजिटिविटी
पॉजिटिविटी से आप सीख सकते हैं कि कैसे फेलियर को आसानी से हराया जा सकता है। पॉजिविविटी बूस्टर इमोशनल इंटेलिजेंस के मुख्य वैपन में से एक है। मनोवैज्ञानिक और स्टार्टअप एक्सपर्ट के अनुसार इंडिया में 80 फीसदी यंग एंटरप्रेन्योर शुरुआती तीन—चार वर्ष अपनी टीम को लेकर काफी परेशान रहते हैं। यंग एंटरप्रेन्योर को इमोशनल इंटेलिजेंस के माड्यूल को अपनाने की खासी जरुरत है। यंग टैलेंट यदि दबाव मुक्त और पॉजिटिविटी के साथ काम करेगा तो कंपनी की ग्रोथ तेजी से होगी।
ये हैं पॉपुलर मैथड
इमोशनल इंटेलिजेंस को डवलप करने में टेड टॉक्स और डेविड कोलमैन के मोटिवेशनल वीडियो सबसे कारगर हैं। इसके अलावा इमोशनल इंटेलिजेंस को लेकर ऑनलाइन क्विज भी आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं। स्ट्रेटिजिक पार्टनरशिप, सैल्फ मोटिवेशन भी इमोशनल इंटेलिजेंस एक्सपर्ट की लिस्ट में शामिल हैं। सभी स्टार्टअप के लिए आवश्यक है कि प्रतिमाह ऐसे मॉड्यूल को ऑफिस एक्टिविटी में सम्मलित करें, जिससे एम्प्लॉई और अधिक क्रिएटिविटी के साथ काम कर सकें।