महोबा

कजली महोत्सव में कलाकारों ने दिखाए जलवे, देखें फोटो

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Published: July 26, 2018 11:02:53 am
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कीरत सागर पर सात दिन तक चलने वाले आयोजन में जहां आल्हा परिषद द्वारा कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करके अनवरत सात दिनों तक कार्यक्रमों के आयोजन किये जाते हैं। इसमें विशेष तौर पर स्थानीय लोक विधाओं पर आधारित कार्यक्रमों को प्रमुखता दी जाती है।

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महोबा विकास संरक्षण समिति द्वारा कीरत सागर के दूसरे छोर पर भी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसकी अवधि सप्ताहंत नहीं होती है। यहां चार दिनों तक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। इसमें विविध क्षेत्रों में मशहूर कलाकारों को आमंत्रित किया जाता है लेकिन अबकी बार स्थानीय प्रतिभाओं को भी अपनी प्रतिभा और कला कौशल का प्रदर्शन का अवसर मिलता दिखाई पड़ रहा है, क्योंकि आयोजन की जो रूपरेखा उभर कर सामने आयी उसमें अबकी बार त्रिस्तरीय कार्यक्रमों को महत्व दिया जा रहा है और एक समय इसमें स्थानीय प्रतिभाओं के लिये निश्चित किया गया है।

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बुन्देली लोक विधाओं के यहां तमाम नामचीन व ख्यातिलव्ध कलाकार उचित मंच न मिलने के कारण अपने हुनर से लोगों को अवगत नही करा पाये। हालांकि उनमें प्रतिभा की कही कोई कमी नही रही है।

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बीते कई वर्षो से कजली मेले के स्वरूप में अमूलचूल पविर्तन आया है पहले यह महोत्सव तीन दिन का होता था और अलग-अलग स्थानों पर मनाया जाता था लेकिन इधर कुछ वर्षो से इसके स्वरूप में यह बदलाव आया है कि यह एक ही स्थान पर सात दिनों तक मनाया जा रहा है हालांकि जिन स्थानों पर तीन दिनों तक मेले के आयोजन होते रहे है उनका अपना ऐतिहासिक महत्व रहा है और इसी महत्व को लेकर कजली के दिनों में इन स्थानों पर मेले के आयोजन होते थे कजली के दूसरे दिन ऐतिहासिक गोखारगिरि व तीसरे दिन शहीदों के नाम पर हवेली दरवाजे में शहीदी मेले का आयोजन होता रहा है हालांकि गोखारगिरि मे लगने वाला मेला अब रस्मीय तौर पर ही सिमट कर रह गया है अलबत्ता शहीदी मेला अभी भी किसी तरह आगे बढ़ रहा है।

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अबकी बार यहां कजली मेले को लेकर सम्पन्न हुई। बैठक में लिये गये निर्णय से ऐसा प्रतीत होता है कि अबकी बार स्थानीय प्रतिभाओं को यहां अपने हुनर दिखाने का अवसर मिलने जा रहा है। जिसका वह भरपूर लाभ उठा सकते हैं और अपनी प्रतिभा के बल पर अपनी आभा और चमक देश में बिखरे सकते हैं।

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