महोबा

कोरोना महामारी के चलते ऐतिहासिक कजली मेले में लगा ग्रहण, रक्षाबंधन पर नहीं दिखी रौनक

839 बर्ष पुराने कजली मेला महोत्सव पर कोरोना वायरस ने लाखों दर्शकों के मनोरंजन पर बड़ी बाधा डाली है।

महोबाAug 03, 2020 / 09:50 pm

Neeraj Patel

कोरोना महामारी के चलते ऐतिहासिक कजली मेले में लगा ग्रहण, रक्षाबंधन पर नहीं दिखी रौनक

महोबा. बुंदेलखंड के महोबा में आयोजित होने वाले ऐतिहासिक कजली मेला महोत्सव पर कोरोना काल का ग्रहण लग चुका है। 839 बर्ष पुराने कजली मेला महोत्सव पर कोरोना वायरस ने लाखों दर्शकों के मनोरंजन पर बड़ी बाधा डाली है। रक्षाबंधन के दिन आयोजित होने वाले सदियों पुराने मेले का आयोजन नगर पालिका परिषद ओर जिला प्रशासन द्वारा कराया जाता था। जिनमें महोबा के वीर आल्हा, ऊदल, राजा परमार, राजकुमारी चंद्रावल सहित आल्हा ऊदल के गुरु ताला सैयद की भव्य आकर्षक झांकिया निकाली जाती थी। मगर कोविड -19 के दृष्टिगत डीएम -एसपी ने बड़ा फैसला रक्षाबन्धन के दिन दोपहर 4 बजे कजली मेला महोत्सव के आयोजन पर एकजुट होने वाली भीड़ के मद्देनजर कार्यक्रम पर पाबंदी लगा दी है।

कोरोना महामारी ने कई महीनों से मुझे ओर मेरे अपनो को परेशान कर रखा है। जिंदगी जीते जी वीरान हो रही है। आज के दिन ने 838 बर्ष पुरानी याद ताजा कर दी है। जब नगर की हर गली में सन्नाटा पसरा हुआ था। हर एक व्यक्ति महोबा की आन वान शान को लेकर ऐतिहासिक कीरत सागर के तट पर दिल्ली के शासक पृथ्वीराज चौहान की सेना से युध्द लड़ रहा था। मगर आज महोबा चीन के द्वारा भेजे गए कोरोना वायरस से ग्रसित होने परेशान है। जिसके चलते 838 बर्षो से चले आ रहे ऐतिहासिक कजली महोत्सव पर ग्रहण लग गया है।

आधुनिक युग के बाबजूद खतरनाक वायरस की आहट ने सड़को पर एक गहरे सन्नाटे में धकेल दिया है। 1182 ई पूर्व महोबा में भी भाई बहन के पवित्र प्रेम के त्यौहार को मनाने की तैयारियां चल रही थी। महोबा के राजा परमार की बेटी राजकुमारी चंद्रावल अपनी सहेलियों के साथ सावन की कजलिया विर्सजित करने गई थी तभी पृथ्वीराज चौहान की सेना ने चंद्रावल का अपहरण करने के उद्देश्य से आक्रमण कर दिया था। जिसको लेकर दोनों सेनाओं के मध्य भीषण युध्द हुआ था। युध्द में महोबा की ओर से वीर सेनापति आल्हा ओर ऊदल ने पृथ्वीराज की सेना को परास्त कर घुटने टेकने पर मजबूर कर वापिस खदेड़ दिया था। जिसको लेकर यहां रक्षाबन्धन के एक दिन बाद त्योहार मनाने की परंपरा 838 बर्षों से चली आ रही है।

हालांकि कोविड 19 को लेकर जिला प्रशासन नई जनमानस की सुरक्षा के दृष्टिगत मेला आयोजन पर पूरी तरह रोक लगा दी है। जिला प्रशासन का मानना है कि कोरोना महामारी के चलते हम सामूहिक रूप से आयोजित होने वाले किसी भी कार्यक्रम का आयोजन नहीं कर सकते हैं। कजली मेला महोत्सव में हजारों की भीड़ दूर दराज के गांवों से एकत्र होती है। जिससे संक्रमण फैलने का बड़ा खतरा हो सकता है। इस तरह कोविड 19 को लेकर कजली मेला से जुड़े सभी कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया है।

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