केन्द्रीय होम्योपैथी परिषद के पूर्व सदस्य व वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. अनुरुद्ध वर्मा का कहना है कि गर्मी का मौसम शुरू हो गया है, इसलिए शरीर मे पानी की कमी न हो इसके लिए पर्याप्त पानी, नारियल पानी, छाछ आदि पीते रहें । शरीर को पर्याप्त ऊर्जा प्राप्त होती रहे इसलिए मखाना, ड्राई फ्रूट, अखरोट, बादाम, पिस्ता, मूँगफली का सेवन करें, इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी।
खाने में हरी सब्जियों जैसे पालक, बंद गोभी, करेला, ब्रोकली ,शिमला मिर्च आदि पर्याप्त मात्रा में लेतें रहें यह आपको फाइबर के साथ साथ पेट की बीमारियों से बचाएंगी तथा ऊर्जा प्रदान करेगी। सिंघाड़े के आटे का प्रयोग करें यह कम कैलोरी के साथ पर्याप्त पोषक तत्त्व भी प्रदान करता है | पर्याप्त नींद लें इससे शरीर को आराम मिलता है। सब्जियों आदि का सूप लेतें रहें। खाना बनाने में तेल के स्थान पर देसी घी का प्रयोग करें। घी में ट्रांस फैट नहीं होता है । ट्रांस फैट कोलेस्ट्रॉल बढ़ा देता है जबकि घी कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ाता है। यह इम्युनिटी बढ़ाता है। इसमें एन्टी ऑक्सीडेंट ,विटामिन, मिनिरल ,हेल्थी फैट प्रचुर मात्रा में होता है
-मौसमी फल जैसे संतरा, अंगूर, सेब, केला, पपीता ,कच्चा केला आदि का प्रयोग करें, खाने में पनीर, दूध, दही , साबूदाना,गुड़ का सेवन करें । यदि आपको पहले से कोई बीमारी है तो उसकी दवाएं खातें रहें तथा यदि व्रत के दौरान कोई शारीरिक बीमारी होती है तो ऐसी स्थिति में अपने चिकित्सक से सलाह लें । नियमित योग, व्यायाम आदि करतें रहें। कुछ चीजें व्रत के दौरान नुकसान पहुंचा सकती हैं, इसलिए सावधानी अपनाना चाहिए। व्रत के दौरान अक्सर ओवर ईटिंग हो जाती है जो नुकसान पंहुचा सकती है इसलिए उससे बचना चाहिए। व्रत के समय बाजार में व्रत की थालियां आ जाती हैं उनका सेवन न करें। बाजार की मिठाइयों, प्रोसेस्ड फ़ूड न खाएं। ज्यादा देर तक भूखें न रहें। ज्यादा वसा युक्त गरिष्ठ भोजन न खाएं। भारी व्यायाम न करें । यदि आप नवरात्र के व्रत में खान पान का ध्यान रखते हैं, सावधनियाँ अपनाते हैं तो व्रत का पूरा लाभ मिलेगा। कोरोना का संक्रमण भी चल रहा है तो बाहर के खाने के सेवन से बचें ।घर का पका हुआ ताजा भोजन ही करें।