छह से 12 लाख रुपए वार्षिक आय वालों को मिलेगी मदद :- इस व्यवस्था में वह लोग शामिल हैं जिनकी आय छह से 12 लाख रुपए वार्षिक है। इस इनकम ग्रुप के लोगों को मध्य आय वर्ग का मानते हुए विधिक सहायता दी जाएगी। इस मिडिल इनकम ग्रुप लीगल एड सोसाइटी का काम होगा कि वह जरूरतमंदों को विधिक सहायता, उनकी काउंसिंलग, विधिक उपचार व आवश्यकता होने पर कोर्ट में उनका प्रतिनिधित्व करे। इसके अलावा मध्यस्थता एवं समझौता केंद्र व आर्ब्रिटेशन के मामलों में भी लाभ मिलेगा।
घर बैठे मदद की योजना :- कोशिश रहेगी कि इस सुविधा के लिए घर से बाहर अधिक भागदौड़ न करनी पड़े। इसलिए यह सुविधा लोगों को ई-मेल, वीडियो काल या सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए उपलब्ध कराई जाएगी। इसका लाभ वृद्ध, दिव्यांग व यात्रा के अयोग्य अन्य लोगों को भी मिलेगा।
भाषा आड़े नहीं आएगी :- इसका लाभ लेने के लिए भाषा आड़े नहीं आएगी। ऑफिसियल वेबसाइट हिंदी व अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में उपलब्ध होगी। अगर इसका लाभ लेना है तो हकदार लोगों को अपनी बात व परेशानी विस्तार से ऑफिसियल वेबसाइट पर लिखकर भेजनी होगी। 15 दिन के भीतर भेजी गई अर्जी स्वीकृति हुई या नहीं इसका आदेश याची को मिल जाएगा। अर्जी खारिज होने पर पैनल का नामित अधिवक्ता खारिज होने के कारण से प्रार्थी को अवगत कराएगा। बस कोर्ट में केस का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक निर्धारित टोकेन राशि चार्ज होगा।