यूपी के श्रमिकों को काम देने से पहले दूसरे राज्यों को नहीं लेनी होगी अनुमति, योगी सरकार गठित करेगी श्रमिक कल्याण आयोग

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूसरे राज्यों द्वारा यूपी के श्रमिकों को काम पर रखने से पहले अनुमति लेने की बात वापस ले ली है

<p>यूपी के श्रमिकों को काम देने से पहले दूसरे राज्यों को नहीं लेनी होगी अनुमति, योगी सरकार गठित करेगी श्रमिक कल्याण आयोग</p>
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने दूसरे राज्यों द्वारा यूपी के श्रमिकों को काम पर रखने से पहले अनुमति लेने की बात वापस ले ली है। बयान पर मचे घमासान के बाद यूपी सरकार अनुमति देने के फैसले से पीछे हट गई है। अब दूसरे राज्यों को यूपी के कामगारों को अपने यहां काम पर रखने के लिए यूपी सरकार की अनुमति नहीं लेनी पड़ेगी। यूपी सरकार का कहना है कि सरकार अपने निवासियों की सामाजिक सुरक्षा को लेकर चिंतित है। इसके लिए श्रमिक कल्याण आयोग गठित किया जा रहा है। दूसरे राज्यों को अनुमति लेने की व्यवस्था का कोई इरादा नहीं है।
सरकार प्रवासी आयोग गठित

इससे पहले सीएम योगी ने कहा था कि लॉकडाउन के दौरान जिस तरह से यूपी के प्रवासी श्रमिकों और कामगारों की दुर्गति हुई है, उनके साथ जिस प्रकार का दुर्व्यवहार हुआ है, यह चिंता का विषय है। इसलिए सरकार उनकी सामाजिक सुरक्षा की गारंटी अपने हाथों में लेगी। कोई भी राज्य सरकार बिना परमिशन के यूपी के लोगों को श्रमिक/कामगार के रूप में लेकर नहीं जाएगी। सरकार प्रवासी आयोग गठित करेगी। योगी के इस बयान पर विफक्ष ने सवाल खड़े किए थे। इस बयान पर मचे घमासान के बाद यूपी सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा।
विपक्ष ने किया था विरोध

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी (एसपी) मुखिया अखिलेश यादव ने भी इसे गलत कदम बताया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा था कि हम भी अनुमति के यूपी के श्रमिकों को नहीं आने देंगे।
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