पब्लिक एड्रेस सिस्टम या माइक से सभी आने वालों को कोरोना से बचाव के बारे में जागरूक किया जायेगा। परिसर के बाहर पार्किंग स्थलों, दुकानों, कैफिटेरिया आदि पर पूरे समय छह फीट की शारीरिक दूरी का कड़ाई से पालन किया जाये। शारीरिक दूरी को सुनिश्चित करने के लिए परिसर में व्यक्तियों के लाइन में खड़े होने के लिए 6 -6 फीट की दूरी पर साफ़ चिन्ह अंकित किये जाएँ। धर्म स्थल पर प्रवेश एवं निकासी की अलग अलग व्यवस्था की जाये । बैठने के स्थानों को भी शारीरिक दूरी के अनुसार व्यवस्थित किया जाये। धर्मस्थलों पर क्रॉस वेंटिलेशन का इस तरह से इंतजान होना चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा ताज़ी हवा अन्दर आ सके । वेंटिलेशन, एसी आदि के साधनों के प्रयोग के समय तापमान 24-30 डिग्री के मध्य होना चाहिए और आद्रता की सीमा 40 से 70 फीसद के मध्य होनी चाहिए।
दिशा निर्देश में कहा गया है – सभी प्रकार की सभाएं निषिद्ध रहेंगी। प्रतिरूप,मूर्तियों,पवित्र ग्रंथों आदि को स्पर्श करने की अनुमति नहीं होगी। संक्रमण फैलने के खतरे के दृष्टिगत रिकॉर्ड किये हुए भक्ति संगीत,गायन बचाए जा सकते हैं लेकिन समूह में एक साथ होकर गायन की अनुमति नहीं होगी । प्रार्थना सभा के लिए एक ही मैट ,दरी का प्रयोग से बचा जाये। श्रद्धालुओं को अपने लिए अलग से मैट,दरी,चादर लानी चाहिए जिसे वह पाने साथ वापस भी ले जा सकते हैं । धर्मस्थल के भीतर किसी भी प्रसाद के वितरण अथवा पवित्र जल के छिड़काव की अनुमति नहीं होगी ।
शारीरिक दूरी का पालन करते हुए लंगर ,सामुदायिक रसोई,अन्नदान के लिए भोजन तैयार किया जायेगा। परिसर के भीतर शौचालयों, हाथ-पैर धोने के स्थानों पर स्वच्छता के लिए विशेष उपाय करने होंगे । धार्मिक स्थलों की लगातार सफाई और कीटाणु रहित करने के लिए प्रबंधन द्वारा विशेष उपाय करने होंगे । परिसर को विशेष रूप से कई बार साफ करना होगा । आने वाले लोग फेस कवर,मास्क,ग्लव्स आदि को सार्वजानिक स्थल पर नहीं छोड़ेंगे यदि कोई ऐसी सामग्री रहती है तो उनका उचित निपटान सुनिश्चित करना होगा ।
यदि परिसर में कोई संदिग्ध या उपचाराधीन मरीज का केस मिलने पर उसे ऐसे स्थान पर रखना है जिससे वह अन्य व्यक्तियों से बिल्कुल अलग हो जाए। डाक्टर द्वारा उसकी जाँच ,परीक्षण होने तक उसे फेस कवर,मास्क दिया जाये । तुरंत निकटतम अस्पताल क्लिनिक अथवा जिला स्वास्थ्य हेल्पलाइन न. 1800-180-5145 को सूचित किया जाए । नामित स्वास्थ्य प्राधिकारी द्वारा मरीज और उसके संपर्क में आये व्यक्तियों के संक्रमण के जोखिमों का मूल्यांकन कर उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी। यदि व्यक्ति पॉजिटिव आया तो परिसर को पूर्ण रूप से कीटाणु रहित किया जायेगा ।