कजरी गीत- कैसे खेले जइबू सावन मे कजरिया ,बदरिया घिर आई ननदी। तीज के अवसर पर महंत देव्यागिरि ने हरियाली ,हरितालिका,कजरी तीज ,तीनो मिल कर वृत्त बनाते है बर्षा के महत्त्व को समझाते हुए कहा यदि पृथ्वी हरी भरी रहेंगी तो ही समाज की समृद्धि होगी । कजरी न हो, तो तीज का महत्व न हो।
इस अवसर पर कल्याणी गिरी, गौरजा गिरी, रूपा रीतू, नैना गिरि, मंजू ने पूजन-अर्चन किया व कजरी के गीत गाये। आकर्षित रूप से अलंकृत मंदिर परिसर में महंत देव्यागिरी ने सुबह और शाम को भोलेनाथ की विशेष आरती भी की।