डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस के दामों में भारी वृद्धि अमीरों को दी गई रियायतों का है नतीजा : हीरालाल यादव

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) उप्र राज्य सचिव हीरालाल यादव ने भाजपा सरकार से इसे वापस लेने की मांग की

लखनऊ. डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस के दामों में बेलगाम, बेतहाशा वृद्धि का जमकर विरोध करते भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) उत्तर प्रदेश राज्य सचिव हीरालाल यादव ने भाजपा सरकार से इसे वापस लेने की मांग की है।
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एक्साइज ड्यूटी में बेलगाम वृद्धि :- हीरालाल यादव ने कहाकि, केन्द्र सरकार के ऐसे समय में पेट्रोल, डीजल के दामों में भारी वृद्धि की गयी है जब तेल की अन्तरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट हुई है। वर्ष 2014 में पेट्रोल की अन्तरराष्ट्रीय मूल कीमत रुपए 47.12 थी जो वर्ष 2021 में घटकर रुपए 29.34 हो गयी है। पेट्रोल-डीजल के दामों में वर्तमान आसमानी उछाल का मुख्य कारण केन्द्र सरकार द्वारा की गयी एक्साइज ड्यूटी में 38 प्रतिशत की बेलगाम वृद्धि है। वर्ष 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद से अब तक डीजल-पेट्रोल पर लगभग 217 प्रतिशत टैक्स की वृद्धि की गयी है।
अमीरों को दी गई रियायतों का यह नतीजा मिला :- हीरालाल यादव ने कहाकि, डीजल-पेट्रोल में की गयी यह वृद्धि महामारी व आर्थिक मंदी की दोहरी मार झेल रही जनता पर कपटपूर्ण हमला है। यह कारपोरेट और अमीरों को दी गयी रियायतों का नतीजा है। वर्ष 2020-2021 के बजट में पूंजीपतियों एवं अमीरों को टैक्स में पिछले वर्ष के मुकाबले 2.11 लाख करोड़ की रियायत दी गयी है, जिसकी भरपाई डीजल-पेट्रोल के दामों की वृद्धि द्वारा जनता पर बोझ बढ़ाकर की जा रही है।
22 फरवरी को होगा विरोध :- हीरालाल यादव ने कहाकि, डीजल-पेट्रोल के दामों में वृद्धि से सभी आवश्यक वस्तुएं के दाम भी बढ़ जाएंगे। यात्रा महंगी होगी। इससे जनता की दुश्वारियां और बढ़ेगी। 22 फरवरी को पार्टी इकाईयां, तेल व रसोई गैस के मूल्यवृद्धि का विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग करेंगी।
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