उसके बाद नानपारा धाम के प्रसिद्ध भजन गायक कुमार शानू एवं उनके साथ ब्रज धाम की नृत्य नाटिका मंडली ने अपनी प्रस्तुति से होली के माहौल को फागुनी बना दिया। कुमार शानू ने भजनों की शुरुआत एक श्याम बाबा के भजन ‘मंदिर से निकला सांवरिया’’ से की। उसके बाद ‘‘फागुन का रंग तोहे चढ़ जाएगा’’ सुनाया तो बाबा के जयकारे गूंज उठे। अगले क्रम में ब्रज धाम की टीम ने नृत्य नाटिका के माध्यम से फूूलों की होली की शुरुआत की। ‘‘आज बिरज में होरी मोरे रसिया’’ के गीत पर कलाकारों ने नृत्य शुरु किया तो वहां मौजूद लोगो ने फूलों से होली खेलनी शुरु कर दी।
नृत्य नाटिका के संग कुमार शानू ने ‘रंग डारो न कान्हा भीजत चुनरी’’ ‘‘रंग मत डारो रे सांवरिया’’ भजन गाया तो संस्था के मंत्री श्रीमन्दर अग्रवाल, संयोजक अंकुर अग्रवाल, मीडिया प्रभारी मोहित अग्रवाल, अनुज अग्रवाल, सचिन, नीरज, आशीष आदर्श झूमने लगे। उसके बाद कुमार शानू ने ‘‘नन्दलाला मारे जायें केसर के फूलवा’’ होरी खेले हैं गिरधारी मनमोहन मदन मुरारी’’ आदि जैसे वृज के होली गीतों संग लोगों ने फूूलों की होली का आनन्द लिया।