Hartalika Teej 2020: मनकामेश्वर मठ मंदिर में मनायी गई हरियाली तीज

बेटियों का हुआ देवी रूप में पूजन, हरे रंग से किया गया भोलेनाथ का श्रंगार,घेवर का लगा भोग, महिलाओं ने किया सोलह श्रंगार

<p>Hartalika Teej 2020: मनकामेश्वर मठ मंदिर में मनायी गई हरियाली तीज</p>
लखनऊ। डालीगंज के प्रतिष्ठित मनकामेश्वर मठ मंदिर में महंत देव्यागिरि की अगुआई में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को( Hartalika Teej 2020) हरियाली तीज पर गुरुवार 23 जुलाई को हरियाली तीज उत्सव मनाया गया। इस अवसर पर सभी सेवादारों ने हरे रंग के वस्त्र धारण किये थे। महिलाओं ने मेंहदीं, आभूषण, बिंदी, चूड़ी का श्रंगार किया था। शिव-पार्वती का विशेष पूजन करते हुए बिंदी, आलता, चूड़ी आदि श्रंगार की वस्तुएं अर्पित कर पारंपरिक रूप से घेवर का भोग लगाया गया। महंत देव्यागिरि ने खासतौर से बेटियों को देवी के रूप में पूजा।
देवी स्वरूपा बेटियों में गौरा, कल्याणी, खुशी, परी, रीतू का पूजन रोली, अक्षत, पुष्प और फल भेंट कर किया गया। इस अवसर पर उपमा पाण्डेय, किरन, पिंकी, जाह्नवी, निहारिका ने हरियाली तीज की कथा कही। इसके बाद पारंपरिक रूप से परिसर में डाले गए झूले का आनंद महिलाओं और बेटियों ने ऋतु अनुकूल लोकगीत गाते हुए उठाया।
महंत देव्यागिरि ने बताया कि ( Hartalika Teej 2020) हरियाली तीज के व्रत से जहां कुंवारी कन्याओं को सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है वहीं सुहागिनों को सदासुहागिन का आशीर्वाद महादेव देते हैं। उन्होंने कहा कि ( Hartalika Teej 2020) हरियाली तीज वास्तव में प्रकृति से जुड़ने का महापर्व है। ऐसे में व्यक्ति को चाहिए कि वह अधिक से अधिक पौध का रोपण करे। नदियों को निर्मल रखे। प्लास्टिक के प्रयोग को सीमित करें तभी धरती मइया हरियाली का तोहफा हमें सहर्ष भेंट करेंगी। हरियाली का यह पर्व जन-जन तक यह संदेश पहुंचाता है कि जीवन के लिए जीव और वन दोनों अहम है।
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