देवी स्वरूपा बेटियों में गौरा, कल्याणी, खुशी, परी, रीतू का पूजन रोली, अक्षत, पुष्प और फल भेंट कर किया गया। इस अवसर पर उपमा पाण्डेय, किरन, पिंकी, जाह्नवी, निहारिका ने हरियाली तीज की कथा कही। इसके बाद पारंपरिक रूप से परिसर में डाले गए झूले का आनंद महिलाओं और बेटियों ने ऋतु अनुकूल लोकगीत गाते हुए उठाया।
महंत देव्यागिरि ने बताया कि ( Hartalika Teej 2020) हरियाली तीज के व्रत से जहां कुंवारी कन्याओं को सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है वहीं सुहागिनों को सदासुहागिन का आशीर्वाद महादेव देते हैं। उन्होंने कहा कि ( Hartalika Teej 2020) हरियाली तीज वास्तव में प्रकृति से जुड़ने का महापर्व है। ऐसे में व्यक्ति को चाहिए कि वह अधिक से अधिक पौध का रोपण करे। नदियों को निर्मल रखे। प्लास्टिक के प्रयोग को सीमित करें तभी धरती मइया हरियाली का तोहफा हमें सहर्ष भेंट करेंगी। हरियाली का यह पर्व जन-जन तक यह संदेश पहुंचाता है कि जीवन के लिए जीव और वन दोनों अहम है।