जनता में भरोसा हो इसके लिए सरकार को टीकाकरण में पारदर्शिता जरुरी :अखिलेश यादव

जिंदगी के साधन देने के बजाए प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को ही आईसीयू में भर्ती कर दिया है।

<p>जनता में भरोसा हो इसके लिए सरकार को टीकाकरण में पारदर्शिता जरुरी :अखिलेश यादव</p>
लखनऊ ,समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के चार सालों में सार्थक तो कुछ किया नहीं, जो अच्छे काम समाजवादी सरकार में हुए थे उन्हें भी बर्बाद कर दिया। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं खुद बीमार हो गई हैं। गरीब का इलाज मंहगा तो हुआ ही, अस्पतालों में अव्यवस्था का शिकार भी वही बन रहा है। मुख्यमंत्री की कोशिश हर क्षेत्र में कथित उपलब्धियों पर श्रेय लेने की रहती है। हकीकत से उनका कोई वास्ता ही नहीं है।
भाजपा को वैक्सीन पर दावा क्यों करना चाहिए। यह एक अत्यंत संवेदनशील मसला है। समाजवादी पार्टी का वैज्ञानिकों की दक्षता पर पूरा भरोसा है पर भाजपा की ताली-थाली वाली अवैज्ञानिक सोच एवं भाजपा सरकार की चिकित्सा व्यवस्था पर भरोसा नहीं है। जनता में भरोसा हो इसके लिए सरकार को टीकाकरण में पारदर्शिता के साथ व्यवस्था की खामियां भी दूर होनी चाहिए। भाजपा नादानी न करे। नादान की दोस्ती जी का जंजाल बन जाती है।
मथुरा जिला अस्पताल में बुजुर्ग महिला मरीज को स्ट्रेचर तक नहीं मिला। बेटा ठेले पर मां को लादकर अस्पताल पहुंचा। पहले भी ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं जब एंबुलेंस और स्ट्रेचर के अभाव में अस्पतालों में कई जानें चली गई। अमेठी के जिला अस्पताल में तो महिला डाक्टर ही नहीं है। वहां आने वाली बीमार और गर्भवती महिलाओं का कोई हाल पूछने वाला नहीं। किसी महिला को इलाज कराना हो तो उसे 30 किमी दूर जाना पड़ता है।
भाजपा राज में सर्वाधिक परेशान महिलाएं ही होती हैं। उनके नाम पर तमाम कल्याण योजनाएं हवा में ही लागू हो रही है। मुरादाबाद के जिला अस्पताल में सर्जिकल महिला वार्ड के भीतर बेड पर कुत्तों के बैठे होने और परिसर में उनके बेरोकटोक घूमने के दृश्य तो खूब वायरल हो चुके हैं। राजधानी लखनऊ के कई अस्पतालों में भी ऐसे दृश्य दिखाई दे जाते हैं। नवजात शिशुओं के साथ निर्मम और अमानवीय व्यवहार की घटनाएं विचलित कर जाती हैं।
भाजपा सरकार की गलत और प्राथमिकता रहित नीतियों के चलते स्वास्थ्य सेवाओं का चरमरा जाना स्वाभाविक है। तमाम अस्पतालों में डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के हजारों पद खाली पड़े हैं। ऐसी हालत में लखीमपुर खीरी के संपूर्णानगर और गौरीफंडा के स्वास्थ्य केंद्रों में फार्मेसिस्ट ही अस्पताल चला रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में डाक्टरों की अनुपस्थिति से झोलाछाप डाक्टरों का धंधा फल फूल रहा है। अवैध ढंग से तमाम नर्सिंग होम भी खुल गए हैं।
समाजवादी सरकार के समय जितने मेडिकल कालेज और अस्पताल बने थे उतने ही आज भी संचालित है। भाजपा सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने और गरीबों के सस्ते इलाज की दिशा में कुछ किया ही नहीं। समाजवादी पार्टी की सरकार ने ही गम्भीर बीमारियों कैंसर, किडनी, लीवर और हार्ट के मुफ्त इलाज की सुविधा दी थी। राजधानी लखनऊ में कैंसर अस्पताल बनाया था। भाजपा सरकार ने जनता को बेहतर जिंदगी के साधन देने के बजाए प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को ही आईसीयू में भर्ती कर दिया है।
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