कोरोना का संक्रमण धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। हांलांकि, मरीजों की संख्या में अब सुधार हो रहा है लेकिन खतरा अब भी टला नहीं है। एक बड़ी मात्रा में लोग मुंबई, पुणे और अन्य शहरों से अपने शहर या गांव जा रहे हैं। गांव में ये बीमारी फैलने का डर ज्यादा है क्योंकि जागरूकता के अभाव में लोग आज भी वहां रोजमर्रा की जिंदगी आम दिनों की तरह जी रहे हैं। अखबार, टीवी, रेडियो और सराकरी सुविधाएं न होने के कारण गांव में कोरोना की जानकारी कम ही है। गांव के लोगों में यह सोच है कि मंदी अच्छी हो गई है इसलिए सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं। लोग महंगी सब्जी खरीदने के लिए भी तैयार हैं। जबकि हकीकत इससे परे है।
कॉल 10 की पहल मिसेज इंडिया इंटरनेशनल तेजस्विनी सिंह ने कॉल 10 नाम से एक मुहिम चालू की है, जिसमें गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को कॉल कर जागरूक किया जाएगा। घनी आबादी वाला देश होने के नाते भारत में अधिकांश आबादी गरीब, अनपढ़ और अनजान है और अफ़वाहों से ग्रसित है। ऐसे में कॉल 10 की टीम 10 ऐसे लोगों को चिन्हित कर, जो गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं, उन्हें कोरोना के बारे में जागरूक करने का कार्य करेगी। जितनी ज्यादा लोगों में जानकारी बढ़ती जाएगी उतना ज्यादा इस महामारी से बचाव का रास्ता आसान हो जाएगा।
कॉल 10 पहल पर तेजस्विनी सिंह ने कहा कि देश को बचाने के लिए लोग घर से इसकी शुरूआत करें। अपने नौकरानियों, ड्राइवरों, रसोइयों और अन्य सभी लोगों के साथ-साथ गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं, जो स्थिति और परिणामों के बारे में इतने जागरूक नहीं हैं। उन्हें सामाजिक भेद, स्वच्छता, अपने हाथ धोने, व्यक्तिगत स्वच्छता के महत्व, आदि के महत्व के बारे में बताएं। जितना ज्यादा जानकारी का दायरा बढ़ेगा उतना लोग जागरूक होंगे।