नए साल में उपद्रवियों पर कहर बनकर टूटेगी योगी की सरकार, बड़ी कार्रवाई की तैयारी

दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में हुई हिंसा में सड़क पर पत्थर लेकर उतरे उपद्रवियों पर सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। उनके लिए साल 2021 मुश्किल भरा हो सकता है। सीएए हिंसा के विरोध में लखनऊ कानपुर समेत यूपी के अन्य शहरों में आगजनी व पत्थरबाजी कर हमला करने वाले उपद्रवियों के खिलाफ 510 मुकदमों में कानूनी कार्यवाही तेज हो गई है।

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लखनऊ. दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में हुई हिंसा में सड़क पर पत्थर लेकर उतरे उपद्रवियों पर सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। उनके लिए साल 2021 मुश्किल भरा हो सकता है। सीएए हिंसा के विरोध में लखनऊ कानपुर समेत यूपी के अन्य शहरों में आगजनी व पत्थरबाजी कर हमला करने वाले उपद्रवियों के खिलाफ 510 मुकदमों में कानूनी कार्यवाही तेज हो गई है। सूबे में अब तक 4751 उपद्रवियों के विरुद्ध कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किए जा चुके हैं। इस वर्ष 2500 से अधिक और आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किए जाने की तैयारी है। उपद्रवियों के खिलाफ एक्शन लेने के साथ-साथ उन पर क्षतिपूर्ति की कार्रवाई भी साथ चल रही है। वर्तमान में क्षतिपूर्ति के करीब 206 मामले संबंधित अपर जिलाधिकारी न्यायालय में विचाराधीन हैं, जिन्हें जल्द निस्तारित करने के निर्देश दिए गए हैं। आरोपियों पर कार्रवाई उनके गुण दोष के आधार पर की जा रही है।
मैरिज लॉन सीज

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुई हिंसा में 1.72 करोड़ रुपये से अधिक की राजकीय संपत्ति की क्षतिपूर्ति की जानी है। उपद्रवियों से अब तक इसमें से 26.33 लाख रुपये की वसूली की जा चुकी है। शेष क्षतिपूर्ति के लिए शासन ने कड़े निर्देश दिए हैं। इसके तहत मऊ में एक मैरिज लॉन भी सीज किया गया है। पुलिस आंकड़ों के अनुसार सबसे अधिक आगरा जोन से 105 मुकदमे
दर्ज किए गए हैं। इसके बाद मेरठ जोन में 104 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। पुलिस कार्रवाई के दौरान हिंसात्मक प्रदर्शनों में शामिल 4144 आरोपितों को नामजद किया गया था, जबकि विवेचना के दौरान 3975 आरोपितों के नाम प्रकाश में आए थे। इनमें 586 आरोपित कोर्ट में हाजिर हुए थे, जबकि पुलिस ने 2514 आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। करीब 1800 आरोपितों की गिरफ्तारी बाकी है।
गुण दोष के आधार पर कार्रवाई

एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुई हिंसा के मामलों में गुण-दोष के आधार पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। सभी मामलों की मानीटरिंग भी कराई जा रही है। लंबित प्रकरणों में जल्द ही प्रभावी कार्रवाई की जाएगी। इसे लेकर भी निर्देश जारी किए गए हैं।
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