चुनाव से पहले ही सरकार ने मानी हार, अखिलेश यादव के इस बयान ने बढ़ाई बीजेपी की मुसीबत

चुनाव से पहले ही सरकार ने मानी हार, अखिलेश यादव के इस बयान ने बढ़ाई बीजेपी की मुसीबत

<p>चुनाव से पहले ही सरकार ने मानी हार, अखिलेश यादव के इस बयान ने बढ़ाई बीजेपी की मुसीबत</p>
लखनऊ. आगामी 13 सितंबर को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में होने वाले छात्र संघ चुनाव स्थगित होने को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार को घेरा है। उन्होंनेे ट्वीट करते हुए कहा कि लगता है गोरखपुर लोकसभा उप-चुनाव में हारने के बाद अब कुछ लोगों को गोरखपुर विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में भी हार का डर सता रहा है, इसीलिए वो चुनाव टाल रहे हैं. ये चुनाव से पहले ही हार मान लेने का सबूत है. छात्रों से उनका अधिकार छीनना अलोकतांत्रिक है।
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बता दें कि दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वद्यालय में चुनाव प्रचार के दौरान बवाल होने पर तत्काल प्रभाव से छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगा दी गई है। मंगलवार को कैंपस में दो पक्षों के बीच जमकर बवाल हुआ। इसके बाद बीच-बचाव में आए शिक्षकों की भी छात्रनेताओं के समर्थकों ने जमकर पिटाई कर दी। इसके बाद शिक्षकों ने चुनाव सलाहाकार समीति तथा कुलपति के सामने चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर दिया।
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अखिलेश यादव ने ट्वीट कर योगी को बताया था राजधर्म


बता दें कि इससे पहले भी अखिलेश यादव ने सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ पर ट्वीट करके हमला बोला था। अखिलेश यादव ने ट्वीट में लिखा था कि अगर मुख्यमंत्री के लिए हर पिता पितातुल्य होना चाहिए। उन्नाव की बलात्कार पीड़िता का वो बेबस पिता भी जिसको योगी सरकार की पुलिस ने जेल में ही पीट-पीट कर मार डाला। इसी तरह से हर पुत्री भी पुत्रीतुल्य होनी चाहिए। वो पुत्री भी जिसे काला झंडा दिखाने पर जेल की काल कोठरी में डाल दिया गया। यही सच्चा राजधर्म है। योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश की तुलना मुगल शासक औरंगजेब से करते हुए उन पर तीखा तंज कसा था।
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