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उन्होंने आगे कहा कि बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे छह लेन सड़क होगी, लेकिन यह नहीं पता कि वहां सर्विस लेन होगी या नहीं। वहां पुल-पुलिया बनेंगी या नहीं? अवस्थापना सुविधाओं का विस्तार करेंगे या नहीं? इसके रास्ते को मंडियों से जोड़ने का भी इरादा है या नहीं? आखिर इसमें डिवाईडर कितना है? रोड कांग्रेस के इस सबके लिए मानक तय हैं, इन मानकों की चर्चा क्यों नहीं?
उन्होंने आगे कहा कि बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे छह लेन सड़क होगी, लेकिन यह नहीं पता कि वहां सर्विस लेन होगी या नहीं। वहां पुल-पुलिया बनेंगी या नहीं? अवस्थापना सुविधाओं का विस्तार करेंगे या नहीं? इसके रास्ते को मंडियों से जोड़ने का भी इरादा है या नहीं? आखिर इसमें डिवाईडर कितना है? रोड कांग्रेस के इस सबके लिए मानक तय हैं, इन मानकों की चर्चा क्यों नहीं?
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सच तो यह है कि भाजपा सरकार अब तक अपनी एक भी बड़ी योजना लागू नहीं कर पाई है। बुंदेलखण्ड एक्सप्रेस-वे को बनाना ही है, तो आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे जैसा बनाना चाहिए। अगर नकल ही करनी है तो पूरी नकल कर लेतें। डिफेंस कारिडोर बनाने का एलान बड़े जोरशोर से किया गया लेकिन यह नहीं मालूम कि उसके लिए कितनी जमीन बुंदेलखण्ड एक्सप्रेस-वे के पास होगी या दूर होगी?
समाजवादी पार्टी ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में झांसी से सिद्धार्थनगर तक एक्सप्रेस-वे बनाने का वादा किया था। भाजपा सरकार ने अभी तक तो बुन्देलखण्ड के लिए कुछ किया नहीं। वहां पेय जल के अभाव, किसानों की कर्ज से मजबूरी में आत्महत्या, अवैध खनन, बढ़ते अपराध की समस्याओं के निराकरण के लिए भाजपा सरकार अपना कोई रोड मैप नहीं बना सकी है। समाजवादी सरकार ने वहां पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण, तालाब-कुओं की खुदाई का काम शुरू किया था। समाजवादी सरकार में ही सौरऊर्जा, सड़कों का निर्माण एवं समाजवादी खाद्य पैकेट की व्यवस्था की गई थी। जब से भाजपा सरकार में आयी तभी से बुन्देलखण्ड का विकास अवरूद्ध है।