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रवनीत गिल की अगुवाई वाले चौथे सबसे बड़े बैंक के दो अरब डॉलर के निवेश प्रस्ताव पर फैसला ले लिया गया है। वास्तव में बैंक की ओर से इस प्रस्ताव को टाल दिया गया है। कनाडा के इर्विन सिंह ब्रेच के विवादास्पद 1.2 अरब डॉलर की सबसे बड़ी हिस्सेदारी थी। वहीं बैंक ने 2 अरब डॉलर का प्लान बनाया था। बाकी की रकम एक और कंपनी से जुटानी थी। आपको बता दें कि इर्विन सिंह ब्रेच और परिवार पर कई तरह के केस चल रहे हैं। वहीं दूसरी ओर यह कोई बड़ा नाम भी नहीं है। ऐसे में आरबीआई की ओर से 10 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी देने से इनकार भी कर सकती है। जिसकी वजह से भी इस प्रस्ताव को बोर्ड की ओर से टाला गया है। वहीं जब से ब्रेच का नाम सामने आया है तब से बैंक के शेयरों में 17 फीसदी की गिरावट आ चुकी है।
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यस बैंक के वॉल्यूम (शेयर के कारोबार) में बढ़ोतरी भी देखी गई, क्योंकि निवेशकों ने बोर्ड बैठक से पहले शेयरों की बिक्री की, जो बैंक के लिए एक महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। यस बैंक के शेयरों में बीते कुछ महीनों से सबसे ज्यादा कारोबार हुआ है। सूत्रों की मानें तो बैंक अब इंडिविजुअल इनवेस्टर की जगह इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स की खोज में जुट गया है। वहीं उसकी मार्केट और ब्रांड वैल्यू पर भी ध्यान देने की बात कही गई है। ताकि यस बैंक की हिस्सेदारी बेचने में कोई दिक्कत ना आए।