बोर्डरूम को भारी पड़ रही बदलते इंडिया की तस्वीर, 2019 के पहले 7 महीनों में 58 CEO व MD ने छोड़ी नौकरी

सबसे अधिक साल 2018 में 108 सीईओ व एमडी ने छोड़ी नौकरी।
भारत ही नहीं, दुनियाभर के सीईओ पर गिरी गाज।

नई दिल्ली। आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहे देश में आम लोगों की नौकरी ही नहीं, बल्कि कंपनियों के बोर्डरूम तक इसकी आहट देखने को मिल रही है। एक हालिया डेटा से पता चला है कि कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व प्रबंध निदेशकों पर भी इसका आंच आया है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई की आधिकारिक साइट से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, साल 2019 के पहले 7 महीनों में कई कंपनियों के 58 सीईओ व एमडी बोर्ड से बाहर हो चुके हैं। साल 2018 के पहले सात महीनों में भी 59 मुख्य अधिकारियों ने कंपनी छोड़ा था।

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चुनौतीपूर्ण रहा है सीईओ व एमडी का पद

इसमें से कई लोगों को अलग-अलग परिस्थितियों की वजह से इस्तीफा देना पड़ा है। इस मामले से जुड़े जानकारों का मानना है कि इस दौरान कंपनियों के टर्नओवर पर खासा प्रभाव पड़ा है और अलग-अलग सेक्टर में दबाव है। साथ ही परफॅार्मेंस से लेकर स्क्रुटनी तक की वजह से ऐसा देखने को मिला है।

बीते कुछ समय में बिजनेस करना अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है, चाहे वह ओवरऑल ग्रोथ के स्तर पर हो या माहौल की वजह से हो। इकोनॉमिक टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में कंज्यूमर गुड्स फर्मा मैरिको के हर्ष मरियावाल के हवाले से लिखा है कि कंपनी में सीईओ व प्रबंध निदेशकों की नौकरी हर दिन की चुनौतियों से भरा है और इसमें लगातार इजाफा हो रहा है।

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2018 में टूटा था 14 साल का रिकॉर्ड

एक तरफ डिमांड की वजह से सीईओ की सैलरी में इजाफा हो रहा, वहीं दूसरी तरफ इसमें रिस्क भी बढ़ गया है। यही कारण है कि यह नौकरी अब सबसे चुनौतीपूर्ण बन गया है। इन कंपनियों के सीईओ पर ही नहीं, बल्कि निवेशक और शेयरहोल्डर्स पर भी दबाव होता है। अगर वे बेहतर प्रदर्शन नहीं कर रहे तो उनके लिए दिक्कते आ सकती हैं।

बीते 14 साल में सबसे अधिक सीईओ व एमडी ने 2018 में कंपनी छोड़ा है। हालांकि, वैश्विक स्तर पर भी इस दौरान यही हाल रहा। इस दौरान इन अधिकारियों की सैलरी में भी भारी इजाफा हुआ है।

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भारत, ब्राजील व रूस में सबसे अधिक सैलरी

पीडब्ल्यूसी के एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर के 2500 बड़ी कंपनियों में से करीब 17.5 फीसदी कंपनियों में 2018 के दौरान सीईओ में बदलाव देखने को मिला है।

इसमें से 3.6 फीसदी लोगों को किसी न किसी वजह से बाहर होना पड़ा। वहीं, एथिकल स्तर पर भी गड़बड़ी होने की वजह से सबसे अधिक सीईओ को नौकरी छोडऩी पड़ी।

दुनियाभर के देशों में सबसे अधिक ब्राजील, रूस व भारत के सीईओ की सैलरी रही है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अधिकतर कंपनियों के सीईओ का कार्यकाल छोटा होने लगा है।

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