अमरीकी मार्केट में आ सकता है फ्लिपकार्ट का आईपीओ
वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट की नजर अमरीकी बाजार पर है। वैसे कंपनी और वॉलमार्ट जो पैरेंट कंपनी है उसे फंड की कोई कमी नहीं है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस महामारी ने डिजिटलीकरण और ऑनलाइन खरीद को तेज किया है। जिससे फ्लिपकार्ट को फायदा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार अगले साल 40 से 45 बिलियन डॉलर का आईपीओ अमरीकी बाजार में लेकर आ सकती है। यह रकम वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट डील से दोगुनी है जो जो 2018 में 21 बिलियन डॉलर की हुई थी। वित्तीय वर्ष 2019 में फ्लिपकार्ट का राजस्व 42 फीसदी बढ़कर 43,515 करोड़ रुपए हुआ। जबकि कंपनी का घाटा 63 फीसदी घटाकर 17, 231 करोड़ रुपए कर दिया है।
फ्रेशवर्क भी दूसरे चरण के तैयार
सॉफ्टवेयर फ्रेशवर्क ने पिछले साल नवंबर में 150 डॉलर मिलियन जुटाए, जिसके बाद कंपनी की वैल्यूएशन तीन गुना बढ़कर 3.5 बिलियन डॉलर हो गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 2021 में कंपनी अमरीकी यूचकांक नैस्डैक में अपने आखिरी दौर का आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है। कंपनी इस आईपीओ को पहले लेकर आने वाली थी, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से उसे आगे के लिए टालना पड़ा। जून में मीडिया रिपोरर्ट में कंपनी के सीईओ गिरीश माथ्रूबूटम ने कहा था कि हम सक्रिय रूप से व्यवसाय के निर्माण, नए बाजारों में विकास और मौजूदा बाजारों में अपनी स्थिति मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
पॉलिसी बाजार
इंश्योरेंस एग्रीगेटर पॉलिसीबाजार एक और स्टार्टअप जो अपना आईपीओ लाने की तैयारी कर रहा है। ग्रुप के सीईओ यशिश दहिया ने एक विदेशी मीडिया को जून में बयान दिया था कि वो अगले भारतीय शेयर बाजार में लिस्ट होने का प्लान बना रहे हैं। अब कानून बदलाव हुआ है। अब कंपनी डॉमेस्टिक मार्केट के अलावा विदेशी बाजार में भी आईपीओ लेकर आ सकती है। पॉलिसीबाजार 3.5 बिलियन डॉलर का आईपीओ लेकर आना चाहती है। जो जुलाई में कंपनी की 1.5 बिलियन डॉलर की वैल्यूएशन से दोगुना है। आपको बता दें कि मौजूदा निवेशक सॉफ्टबैंक ने प्राथमिक और द्वितीयक शेयरों के लिए 130 मिलियन डॉलर का निवेश किया था।
जोमाटो भी देगी कमाई का मौका
फूड डिलीवरी फर्म जोमाटो भी इस लिस्ट में एक सरप्राइज एलीमेंट की तरह आया है। हाल ही में कंपनी के सीईओ और को फाउंडर दीपिंदर गोयल ने कर्मचारियों को एक ईमेल में बताया कि यह 2021 की पहली छमाही में आईपीओ लाने योजना बना रहा है। इसके लिए कंपनी की फाइनेंशियल और लीगल टीम तेजी के साथ काम कर रही है। ईमेल कहा था कि कंपनी का कारोबार लगातार बढ़ रहा है, कंपनी की वैल्यूएशन में भी इजाफा हुआ है। गोयल ने कहा, वित्त वर्ष 2020 में जोमाटो का राजस्व दोगुना होकर 394 मिलियन डॉलर हो गया है। जबकि घाटे में लगभग 5 फीसदी का इजाफा होकर 294 मिलियन डॉलर हो गया है।
नायका भी लेकर आएगी आईपीओ
ऑनलाइन ब्यूटी और कॉस्मेटिेक प्रोडक्ट रिटेलर नायका कुछ वर्षों में आईपीओ लाने की तैयारी कर रहा है। कंपनी का राजस्व 2019 में दोगुना होकर 1,159 करोड़ रुपए हो गया और इसे 2 करोड़ रुपए का लाभ हुआ। कोरोना वायरस की वजह से कंपनी को कुछ महीने नुकसान जरूर हुआ, लेकिन कंपनी की सीईओ फाल्गुनी नायर ने मीडिया रिपोर्ट में जून कहा था कि कंपनी का कारोबार जुलाई के महीने में प्री कोविड काल के 75 फीसदी के लेवल पर आ जाएगा। रिपोर्ट ममें उन्होंने अगले दो सालों में आईपीओ लाने की योजना के बारे में भी कहा था। नायका इस साल देश की यूनीकॉर्न कंपनी बन गई है, जिसकी अप्रैल में वैल्यूएशन 1.2 बिलियन डॉलर थी।
लॉजिस्टिक फर्म डेलीवरी भी आएगा बाजार में
ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स फर्म डेलीवरी ने 2018 में आईपीओ लाने की बात कही थी, लेकिन कंपनी को सॉफ्टबैंक विजन फंड से पैसा मिल गया। उसके बाद कंपनी ने कनाडाई पेंशन फंड सीपीपीआईबी से भी धन जुटाया और कंपनी की कीमत 1.5 बिलियन डॉलर हो गई है। चीफ बिजनेस ऑफिसर संदीप बैरसिया ने 16 सितंबर को मीडिया रिपोर्ट कहा कि अब कंपनी अगले 12-18 महीनों में आईपीओ की योजना बना रही है। वहीं कंपनी विदेश में भी लिस्ट होने की भी योजना बना सकती हैै। वित्त वर्ष 19 के लिए कंपनी का रेवेन्यू 58 फीसदी बढ़कर 1,694 करोड़ रुपए हो गया, जबकि घाटा 160 फीसदी बढ़कर 1,781 रुपए हो गया।