नीरव, चौकसी के फर्जीवाड़े से चांदी के गहनों का निर्यात 75 फीसदी गिरा, महज 5,832 करोड़ का हुआ निर्यात

जेम्स ऐंड जूलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ने जारी किए आंकड़ें
पिछले वित्त वर्ष चांदी के गहनों का निर्यात महज 5,832 करोड़ रुपए
पिछले साल थी सोने के पदकों और सिक्कों के निर्यात में 55 फीसदी की गिरावट

<p>नीरव, चौकसी के फर्जीवाड़े से चांदी के गहनों का निर्यात 75 फीसदी गिरा, महज 5,832 करोड़ का हुआ निर्यात</p>

नई दिल्ली। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के फर्जीवाड़े से जहां देश के सरकारी बैंकों को तगड़ी चपत लगी है, वहीं चांदी के गहनों का कारोबार भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बीते वित्त वर्ष में इनके निर्यात में 75 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

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चांदी के गहनों का निर्यात
जेम्स ऐंड जूलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ( जीजेईपीसी ) के आंकड़ों के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष चांदी के गहनों का निर्यात महज 5,832 करोड़ रुपए ( 83.8 करोड़ डॉलर ) रह गया। वित्त वर्ष 2017-18 में यह 23,664 करोड़ रुपए (340 करोड़ डॉलर) रुपए था। निर्यात पर सबसे ज्यादा असर सूरत के विशेष आर्थिक क्षेत्र ( सेज ) पर हुआ। जीजेईपीसी ने इसकी वजह जीएसटी रिफंड में देरी और नकदी की समस्याओं को बताया।

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सोने के निर्यात में आर्इ थी गिरावट
पिछले साल सोने के पदकों और सिक्कों के निर्यात में 55 फीसदी की गिरावट आई थी। इसके लिए डीजीएफटी के उस फैसले को जिम्मेदार बताया गया था, जिसमें 24-कैरट के सोने के सिक्कों और पदकों का निर्यातकों द्वारा गलत इस्तेमाल करने की लगातार आ रही शिकायतों के बाद बैन कर दिया गया था।

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पुराने आंकड़ों पर उठा सवाल
विश्लेषकों का कहना है कि सिल्वर जूलरी निर्यात में इतनी भारी भरकम गिरावट के आंकड़े पुराने आंकड़ों पर भी सवाल उठा रहे हैं। आरोप है कि नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी ने जो निर्यात दिखाए, वे सिर्फ कागजों तक ही सीमित थे। उनकी कंपनियां केवल कागजों पर ही निर्यात दिखा रही थीं। इसी वजह से आंकड़ों में इतनी कमी आई है, जबकि देश से होने वाले दूसरे किसी निर्यात में इस तरह का बदलाव नहीं देखा गया है।

 

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