ट्राई ने उठाया बड़ा कदम, अब दो दिन में पोर्ट होगा मोबाइल नंबर

जम्मू कश्मीर, असम और पूर्वोत्तर के राज्यों में यह नया नियम लागू नहीं होगा।

<p>खुशखबरी: अब दो दिन में पोर्ट होगा मोबाइल नंबर, ट्राई ने उठाया यह कदम</p>
नई दिल्ली। यदि आप अपनी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी से खुश नहीं हैं और आप अपना मोबाइल नंबर मोबाइल नंबर पोर्टबिलिटी (एमएनपी) सुविधा के तहत बदलना चाहते हैं तो आपके लिए खुशखबरी है। अब आपका मोबाइल नंबर दो दिन में ही दूसरी कंपनी के पोर्ट हो जाएगा। इसके लिए दूरसंचार नियामक टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राइ) ने नया मसौदा तैयार किया है। सूत्रों के अनुसार ट्राई की ओर से तैयार किए गए इस नए मसौदे के अनुसार मौजूदा सात दिनों की समय सीमा को घटाकर दो दिन तैयार किया जाएगा। हालांकि, जम्मू कश्मीर, असम और पूर्वोत्तर के राज्यों में यह नया नियम लागू नहीं होगा। इन राज्यों में पहले की तरह 15 दिन की समय सीमा लागू रहेगी। सूत्रों के अनुसार, लोगों की राय मांगने के लिए जल्द ही इस मसौदे को सार्वजनिक किया जाएगा।
एमएनपी की फीस घटा चुकी है ट्राई

भारत में 2011 में मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की सेवा शुरू की गई थी। इस सेवा का लाभ लेने के लिए पहले ट्राई की ओर से 19 रुपए की फीस निर्धारित की गई थी। लेकिन उपभोक्ताओं की शिकायत के बाद ट्राई ने इस फीस को घटाकर 4 रुपए कर दिया था। फीस कम होने के कारण पोर्टेबिलिटी की सेवाएं देने वाली कंपनियों का घाटा बढ़ रहा है। इस कारण कंपनियां मार्च 2019 से आगे सेवाएं देने से मना कर रही हैं।
ये है मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सेवा

वैसे तो देश में 2011 से ही मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी से सेवाएं शुरू हो गई थीं, लेकिन देश के किसी भी एक शहर से दूसरे शहर में नंबर पोर्ट कराने की सुविधा 3 मई 2015 से शुरू हुई थी। जो भी मोबाइल नंबर उपभोक्ता किसी कंपनी की सेवाएं 90 दिनों तक इस्तेमाल कर लेता है वह इस सुविधा का लाभ ले सकता है। एक बार नंबर पोर्ट कराने के बाद उपभोक्ता को नई कंपनी के साथ कम से कम 90 तक जुड़े रहना होगा। आवेदन करने के बाद सात दिनों के अंदर आपका नंबर नई कंपनी के पास पोर्ट हो जाता है। इस दौरान आपका नंबर दो घंटे के लिए बंद रहता है। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार दोनों कंपनियों के पास नंबर पोर्ट कराने के लिए इस साल मार्च तक 370 मिलियन आवेदन आ चुके हैं।
 
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