यह साॅफ्टवेयर तय करेगा आपकी सैलरी बढ़ेगी या नहीं

दुनिया जानी मानी आईटी कंपनी आईबीएम इस साॅफ्टवेयर का इस्तेमाल करने जा रही है।

<p>बाॅस नहीं बल्कि यह साॅफ्टवेयर तय करेगा आपकी सैलरी कितनी बढ़ेगी</p>
नर्इ दिल्ली। अकसर नौकरी करने वाले लोगो के दिमाग में हमेशा ये बात बनी रहती है की आखिर उनका प्रमोशन होगा या नहीं? उनका इन्क्रीमेंट होगा या नहीं? वास्तव में पूरे साल बाॅस के साथ कुछ खट्टे मीठे अनुभव ही आपके इंक्रीमेंट को तय करते हैं। क्योंकि आपका बाॅस ही आपके इंक्रीमेंट को तय करता है। लेकिन अब एेसा नहीं होगा। एेसेद में डिर्जविंग इंप्लार्इ के साथ कोर्इ अत्याचार नहीं होगा। दुनिया जानी मानी आईटी कंपनी आईबीएम इस साॅफ्टवेयर का इस्तेमाल करने जा रही है।

इस कंपनी की ली जा रही है मदद
इस साॅफ्टवेयर के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से पता लगाया जाएगा कि किस इंप्लार्इ ने कैसा काम किया है। साथ ही आने वाले दिनों वो कितना बेहतर काम कर सकता है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार आर्इबीएम ने इसके लिए वॉटसन एनालिटिक्स की मदद ले रही है। ये कंपनी पहले से ही आर्इबीएम के इंप्लार्इ को इंटरनल ट्रेनिंग दे रही है। आईबीएम ने दावा किया है कि इंटरनल एचआर की रिपोर्ट के मुकाबले वॉटसन 96 फीसदी सटीक जानकारी देता है।

एेसे काम करता है साॅफ्टवेयर
वॉटसन कर्मचारियों के अनुभव को देखता है वो ये अनुमान लगाता है कि भविष्य में वो अपने संभावित क्षमताओं और हुनर को आईबीएम में काम करने में कितना अधिक विकसित कर सकता है। वॉटसन बारीकी से आईबीएम के इंटरनल ट्रेनिंग सिस्टम का भी अध्ययन करेगी और यह पता लगाएगी कि कोई कर्मचारी कितनी जल्दी कोई नई चीज सीख रहा है। इसके बाद कंपनी के मैनेजर वॉटसन की रेटिंग के अनुसार कर्मचारियों के प्रमोशन, बोनस और वेतन के बारे में फैसला लेंगे।

भारत में कोर्इ कंपनी नहीं कर रही है ये काम
अभी तक भारत में कोर्इ भी कंपनी इस तरह के सिस्टम पर काम नहीं कर रही है। जबकि देश में कर्इ मशहूर काॅरपोरेट ग्रुप आैर कंपनी मौजूद है। लेकिन किसी ने अभी तक इस तरह का साहस नहीं दिखाया। अब देखने वाली बात होगी कि आर्इबीएम में यह साॅफ्टवेयर कितना सफल होता है। अगर सफल हुआ तो यह साॅफ्टवेयर बाकी कंपनियां भी अडाॅप्ट कर सकती हैं।
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