इंस्टाग्राम पर लगा है आरोप
इंस्टाराम पर आरोप है कि उसने फोटो-टैगिंग टूल के जरिए लोगों की पहचान करने के लिए फेशियल रिकॉग्निशन तकनीक का इस्तेमाल किया है। इंस्टाग्राम ने भी स्वीकार किया है कि कंपनी इस फीचर का इस्तेमाल कर रही थी, लेकिन कंपनी का कहना है कि उन्होंने डेटा को विशेष सुरक्षा प्रदान की है और यूजर्स की इजाजत के बाद ही कंपनी ने उनसे इस तरह का डेटा लिया है।
10 करोड़ का डाटा एकत्र किया गया
दायर किए गए इस मुकदमे में इंस्टाग्राम पर आरोप लगाया गया है कि कंपनी स्वचालित (ऑटोमैटिकली) लोगों के चेहरे को स्कैन करती है। इस दौरान उन लोगों के चेहरे भी स्कैन किए गए हैं, जो किसी दूसरे के इंस्टाग्राम अकाउंट में दिख रहे थे। मुकदमे में कहा गया है कि ऐसे में इंस्टाग्राम के पास उन लोगों का डेटा भी मौजूद है, जो कंपनी की प्लैटफॉर्म टम्र्स को नहीं मानते। इस दौरान 10 करोड़ लोगों के डेटा को इक_ा किया गया, स्टोर किया गया और मुनाफा कमाने के लिए इनका इस्तेमाल किया गया है।
फेसबुक ने कहा, मुकदमा निराधार
विदेशी मीडिया के अनुसार को दिए अपने एक बयान में फेसबुक के प्रवक्ता ने बताया कि मुकदमा निराधार है और इंस्टाग्राम फेसबुक पर दी जा रही फेस रिकग्निशन सेवाओं का उपयोग नहीं करता है। यह पहली बार नहीं है जब फेसबुक पर फेशियल रिकॉग्निशन के जरिए डेटा इक_ा करने को लेकर मुकदमा दायर किया गया है। पिछले महीने फेसबुक ने एक मुकदमे को निपटाने के लिए 65 करोड़ डॉलर का भुगतान किया था। इस मामले में कंपनी पर आरोप था कि उसने अमेरिकी स्टेट इलिनोइस के डाटा संग्रह नियमों का उल्लंघन किया है।,द्य