साइरस मिस्त्री की याचिका खारिज, एनसीएलटी में टाटा संस को बड़ी राहत

एनसीएलटी के मुंबई बेंच ने टाटा संस के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि निदेशक मंडल के पास कार्यकारी निदेशकों को हटाने का पूरा अधिकार है।

<p>साइरस मिस्त्री की याचिका खारिज, एनसीएलटी में टाटा संस को बड़ी राहत</p>

नर्इ दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी कानून प्राधिकरण (एनसीएलटी) ने सोमवार को टाटा संस के बोर्ड निदेशकों द्वारा साइरस मिस्त्री को कंपनी के चेयरमैन पद से हटाने के 24 अक्टूबर 2016 के फैसले को बरकरार रखा है। एनसीएलटी ने अपने फैसले में कहा कि टाटा संस का निदेशक मंडल कार्यकारी अध्यक्ष को हटाने में सक्षम है और बोर्ड सदस्य से हटाए गए मिस्त्री अपना भरोसा खो चुके हैं। एनसीएलटी ने यह फैसला मिस्त्री की याचिका पर दिया है। मिस्त्री को टाटा संस के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था जिसके बाद भारतीय कॉरपोरेट जगत में भूचाल आ गया था। इसके बाद मिस्त्री को टाटा समूह की छह कंपनियों से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था।



इस तरह के लगाए थे आरोप
इससे पहले आज एनसीएसएलटी को साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाया जाना सही था या गलत और हटाने की प्रक्र‍िया में नियमों का पालन किया गया या नहीं, पर फैसला सुनाना था। शापूरजी पलोनजी ग्रुप की दो कंपनी साइरस इन्वेस्टमेंट और स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन ने टाटा ट्रस्ट और टाटा संस के निदेशकों के ख‍िलाफ याचिका दाखिल की थी। इनमें टाटा संस पर अनियम‍ितता बरतने का आरोप लगाया गया है। इसमें आरोप लगाया था कि टाटा संस के निदेशकों ने आर्ट‍िकल ऑफ एसोसिएशन और प्रबंधन व नैतिक मूल्यों का उल्लंघन किया।

साइरस को किया गया बाहर
टाटा संस के बोर्ड ने 24 अक्टूबर, 2016 को साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया था। इसके साथ ही उन्होंने साइरस को ग्रुप की अन्य कंपनियों से भी बाहर निकलने के लिए कहा था। इसके बाद साइरस ने ग्रुप की 6 कंपनियों के बोर्ड से अपना इस्तीफा दिया। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने टाटा संस और रतन टाटा को एनसीएलटी में घसीटा।

ये था याचिका में
याच‍िका में आरोप लगाया गया था कि मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाने का काम ग्रुप के कुछ प्रमोटर्स ने किया। उनका इस्तीफा इनके उत्पीड़न की वजह से था। याचिका के दूसरे हिस्से में आरोप लगाया गया है कि ग्रुप और रतन टाटा के अव्यवस्थ‍ित प्रबंधन की वजह से ग्रुप को आय का काफी ज्यादा नुकसान हुआ।

ये था टाटा ग्रुप का जवाब
हालां‍क‍ि टाटा ग्रुप ने इन सभी आरोपों को खारिज किया. ग्रुप ने कहा कि साइरस मिस्त्री को इसलिए निकाला गया क्योंकि बोर्ड उनके प्रति विश्वास खो चुका था। ग्रुप ने आरोप लगाया था कि मिस्त्री ने जानबूझकर और कंपनी को नुकसान पहुंचाने की नीयत से संवेदनशील जानकारी लीक की। इसकी वजह से ग्रुप की मार्केट वैल्यू में बड़ा नुकसान हुआ।

 

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