इसलिए दर्ज कराया केस
नुस्ली वाडिया ने ये शिकायत 2016 में दर्ज कराई थी। जब उन्हें ग्रुप की कुछ कंपनियों से बाहर कर दिया गया था। उस समय वाडिया ने ये दावा करते हुए केस दर्ज कराया था कि चेयरमैन पद से हटाने के बाद रतन टाटा और टाटा ग्रुप के बाकी लोगों ने उनके खिलाफ अपमानसूचक शब्द कहे हैं। साथ ही वाडिया का यह भी कहना है कि उस वक्त वो टाटा ग्रुप की कई कंपनियों के बोर्ड में शामिल थे। उसके बावजूद भी उनके साथ गलत तरीके से व्यवहार किया गया।
ये है वाडिया का दावा
आपको बता दें कि वाडिया भारतीय होटल कंपनी के बोर्ड में शामिल थे जो ताज ग्रुप होटल, टीसीएस,टाटा मोटर्स और टाटा स्टील जैसे कंपनी चलाते थे। उन्हें दिसंबर 2016 और फरवरी 2017 के बीच विशेष रूप से आयोजित सामान्य बैठक में शेयरधारकों ने वोट करके हटा दिया था। वहीं टाटा संस की ओर से कहा गया है कि वाडिया को स्वतंत्र डायरेक्टर के पद से हटाने के लिए तमाम औपचारिकताएं निभाई गई थी। आपको बता दें कि इस मामले की अगली सुनवाई 25 मार्च को होगी।