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दुनिया का सबसे बड़ा है यह प्रोजेक्ट
इलेक्ट्रिसिटी स्मार्ट मीटरिंग प्रोग्राम दुनिया के सबसे बड़े प्रोग्राम में से एक है। जिसकी वजह से रिलायंस एडवांस्ड मीटरिंग इंफ्रा बिजनेस कूदने जा रही है। कंपनी के इस प्रोजेक्ट में जियो प्लेटफॉर्म का बेहद इअहम रोल रहने वाला है। जियो प्लेटफॉर्म इस सर्विस को नैरो बैंड इंटरनेट ऑफ थिंग्स के माध्यम से प्रोवाइड कराने का विचार कर रही है। एनबीआईओटी एक लो पॉवर वाइड एरिया टेक्नोलॉजी है, जो नए आईओटी डिवाइसेस और सर्विस को अलग तरीके से एक दूसरे के साथ जोड़ती है। यह पॉवर कंजप्शन, सिस्टम कैपेसिटी को बिल्ड करने और स्पेक्ट्रम एफिशिएंसी में मदद करती है।
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स्मार्ट मार्केट पर जमानी मोनोपॉली
एक अंग्रेजी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रिलायंस अपने डिवाइस में मीटर डाटा कलेक्शन, कम्यूनिकेशन कार्ड, टेलीकॉम और क्लाउड होस्टिंग जैसी सुविधाओं को शामिल करेगा। साथ ही जियो प्लेटफॉर्म में क्लाउड कंप्यूटिंग, डाटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग सहित प्रमुख नेक्सट-जेन टेक्नोलॉजी को भी विकसित किया गया है। जोकि रिलायंस को स्मार्ट मीटर मार्केट में मोनोपॉली स्थापित करने में मदद करेगा।
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आखिर किसे कहते हैं स्मार्ट मीटर
स्मार्ट मीटर को रिचार्ज करके ही बिजली का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह प्रक्रिया ठीक उसी तरह की है जैसे आप अपना प्रीपेड फोन का इस्तेमाल करते हैं। आप जितना रुपया रिचार्ज कराएंगे उतनी ही बिजली इस्तेमाल कर पाएंगे। रिचार्ज खत्म होने पर पॉवर ऑफ हो जाएगा। रिचार्ज कराने पर पॉवर अपने आप ऑन भी हो जाएगा। ऐसा देश में बिजली की कमी और लगातार बढ़ती खपत को देखते हुए किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने पहले ही देश में नॉर्मल मीटर हटाकर स्मार्ट मीटर लगाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।