एक साल में खर्च किए 289 अरब रुपये
सबसे खास बात ये है कि मुकेश अंबानी ने दरियादिली दिखाते हुए उन कंपनियों को भी खरीदा है जो लंबे वक्त से दिवालिया हो चुकी हैं या दिवालिया होने की कगार पर हैं। जिन कंपनियों को लेकर अंबानी ने दरियदिली दिखाई है उनमें एक लोकल टेक्सटाइल मेकर, एक कार्बन फाइबर फर्म और एक टेलिकाॅम कंपनी का वायरलेस एसेट भी शामिल है। आपको ज्ञात हो कि एक लंबे समय से भारत के कई बड़े बैंक एक तरफ एनपीए की बोझ से जूझ रहे हैं वहीं कई कंपनिया दिवालिया होने की कगार पर हैं। ऐसे में अंबानी द्वारा एक साल में ही 289 अरब रुपये खर्च करना अपने आप एक बड़ा कदम है।
इन सेक्टर्स में मजबूत करने जा रही कंपनी अपनी मौजूदगी
दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी काॅम्पलेक्स जैसे कई बड़े प्रोजेक्ट की शुरुआत करने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज अब टेलिकाॅम, रिटेल ओर मीडिया आॅफरिंग्स में भी अपनी पकड़ मजबूत करने में लगी है। आपको बता दें कि पहले ही मुकेश अंबानी को पेट्रोकेमिकल्स और रिफाइनरी बिजनेस से सबसे अधिक कमाई होती है। कंपनी आने वाले दिनों में अपने रिलायंस जियो इंफोकाॅम लिमिटेड को लेकर एक इंटीग्रेटेड डीजिटल आॅफरिंग बनाने की भी तैयारी में है। इसके लिए कंपनी ने एंटरटेनमेंट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित एजुकेशन स्पेस को खरीदा है।
डीजिटल प्लेटफाॅर्म पर बेहतर कंटेट देने की तैयारी में रिलायंस
इस मामले से जुड़े कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि, रिलायंस इंडस्ट्रीज के कुछ अधिग्रहण तो बस कंटेट पर कब्जा करने को लेकर है। यदि वो पर्याप्त कंटेंट जेनरेट करने में सफल होते हैं तो आप इस बात के लिए आश्वस्त हो सकते हैं कि उनके प्लेटफाॅर्म पर अपने आप यूजर्स की संख्या बढ़ेगी। उनका आगे ये भी कहना है कि अंबानी ने बड़े चालाकी से कर्ज में डूबी उन एसेट को भी खरीद लिया जिनसे लोकल लेंडर्स को वसूलना आसान नहीं होता।
कंपनी ने किए इन सेक्टर्स में बड़े निवेश
रिपोर्ट में कहा गया है कि, रिलायंस की तैयारी है कि वो 31 मार्च 2019 तक करीब 8.45 करोड़ रुपये का अधिग्रहण करे ले। ध्यान देने वाली बात ये है कि इसमें रिया रिटले प्राइवेट लिमिटेड के साथ डील और अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशंस की 173 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम, मोबाइल फोन टावर्स और फाइबर एसेट्रस सम्मिलित नहीं है। पूरे तौर पर देखें तो रिलायंस इंडस्ट्रीज ने करीब 3445 करोड़ रुपये का निवेश किया है। कंपनी ने ये निवेश टेलिकाॅस से लेकर पेट्रोकेमिकल्स और रियल एस्टेट सेक्टर्स में किया है। अकेले टेलिकाॅम सेक्टर की बात करें तो इसमें करीब 2340 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।