छोटे भाई को दिया था सबसे बड़ा गिफ्ट
शायद ही किसी भाई ने अपने भाई को इतना बड़ा गिफ्ट दिया हो, जो मुकेश अंबानी ने अनिल अंबानी को दिया था। मौका था पिता स्वर्गीय धीरूभाई अंबानी का जन्मदिन। तारीख थी 28 दिसंबर। इस तोहफे ने देश के पूरे उद्योग जगत हो हिलाकर रख दिया था। जी हां, इस तोहफे की कीमत थी 23 हजार करोड़ रुपए। आप सही पढ़ रहे हैं। वास्तव में मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस जियो ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) के स्पेक्ट्रम, मोबाइल टावर व ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क सहित अन्य मोबाइल कारोबारी आस्तियों को खरीदने का सौदा किया था। आपको बता दें कि आरकॉम लगभग 45,000 करोड़ रुपए के भारी बोझ से दबी हुई है और लंबे समय से इसे चुकाने के प्रयासों में जुटी है।
कुछ ऐसी थी दोनों भाईयों की डील
जियो या उसकी नामित इकाइयां इस सौदे के तहत आरकॉम व उसकी सम्बद्ध इकाइयों से चार श्रेणियों – टावर, ऑप्टिक्ल फाइबर केबल नेटवर्क, स्पेक्ट्रम व मीडिया कनवर्जेंस नोड्स (एसीएन) एसेट्स को खरीदना था। लेंडर्स के भारी दबाव के चलते अनिल अंबानी ने दिसंबर, 2017 में कर्ज चुकाने के लिए एक प्लान पेश किया था। जिसके बाद मुकेश अंबानी अपने भाई अनिल अंबानी की मदद के लिए आगे आए थे।
2005 में दोनों भाई हो गए थे अलग
यह बात किसी से छिपी नहीं है कि मुकेश और अनिल अंबानी के बीच हुई खटपट के बाद वर्ष 2005 में अलग हो गए थे। दोनों ने अपना कारोबार अपने तरीके से चलाया। जहां मुकेश अंबानी सफलता की ऊंचाईयों को छूते चले गए। वहीं अनिल अंबानी का ग्राफ नीचे ही आता चला गया। तब से लेकर आज तक दोनों भाईयों में किसी तरह का कोई कारोबारी रिश्ता नहीं था। लेकिन इस प्लान के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों भाईयों में सुलह नींव पड़ चुकी है। अगर दोनों भाई एक बार फिर संयुक्त कारोबार करते हैं तो अंबानी परिवार दुनिया के 20 नहीं बल्कि पांच सबसे अमीर परिवारों में से एक हो जाएगा।