एफएससी ने कहा, मॉरीशस की प्रतिष्ठा का सवाल
एफएससी ने एक बयान में कहा, “एफएसी किसी अवैध, हानिकारक व धोखाधड़ी के कार्यो में लिप्त पाए जाने पर किसी भी कंपनी के अधिकारी व प्रबंधन के खिलाफ निमयन संबंधी जरूरी कार्रवाई करेगा ताकि इससे मॉरीशस की प्रतिष्ठा को धक्का न लगे।” पीएनबी घोटाले में बैंक कर्मियों ने आरोपियों के पक्ष में लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग जारी किया था, जिसका उन्होंने दुरुपयोग करते हुए बैंक के स्विफ्ट इलेक्ट्रॉनिक मैसेजिंग सिस्टम के माध्यम से विदेशों में पैसे भेजे थे।
2016 में हुआ था परिवर्जन समझौते में संशोधन
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुसार इस साल भारत में विदेशी निवेश के लिए मॉरीशस सबसे बड़ा स्रोत रहा है। इसके बाद अमेरिका और युनाइटेड किंगडम का स्थान है। मॉरीशस से भारत में 111 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आ चुका है, जोकि कुल एफडीआई का 30 फीसदी है। इसी सिलसिले में कंपनियों द्वारा आय व पूंजी लाभ कर की चोरी रोकने के लिए भारत और मॉरीशस के बीच 2016 में दोहरा कर परिवर्जन समझौते (डीटीएए) में संशोधन किया गया था।
जांच में लगातार हो रहे नए खुलासे
हाल ही में इस घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने मुंबई कोर्ट को एक अहम खुलासा किया था। पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी ने बैंक अधिकारियों को अपना काम निकलवाने के लिए सोने और डायमंड की ज्वेलरी घूस के तौर पर दिया था। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को मुंबई कोर्ट को इसके बारे में जानकारी दी। सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि, नीरव मोदी ने बैंक अधिकारियों को घूस के तौर पर सोने और डायमंड की ज्वेलरी पिछले साल अक्टूबर में दिया था। आपको बता दें कि सीबीआई ने इस मामले में अब तक कुल 14 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।