कारोबार जगत में भी चलता है बुराड़ी जैसे काले जादू का खेल, कई परिवार हो चुके हैं खत्म

दिल्ली के बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 लोगों की ओर से सामूहिक रूप से आत्महत्या करने का मामला इस समय पूरे देश में सुर्खियों में बना हुआ है।

<p>कारोबार जगत में भी चलता है बुराड़ी जैसे काले जादू का खेल, कई परिवार हो चुके हैं खत्म</p>
नई दिल्ली। दिल्ली के बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 लोगों की ओर से सामूहिक रूप से आत्महत्या करने का मामला इस समय पूरे देश में सुर्खियों में बना हुआ है। देश के हर परिवार में इस सामूहिक आत्महत्या को लेकर चर्चा हो रही है। हर कोई इस सामूहिक आत्महत्या का कारण जानने के लिए उत्सुक है। पुलिस जांच में इस सामूहिक आत्महत्या प्रकरण के पीछे तांत्रिक क्रिया या जादू की बात सामने आ रही है। घर में मिले रजिस्टरों के आधार पर पुलिस का कहना है कि पूरे परिवार ने मोक्ष पाने के लिए अपने मृतक पिता के आदेश पर सामूहिक रूप से तांत्रिक क्रिया में हिस्सा लिया, जिससे उनकी मौत हो गई। यह पहला मामला नहीं है जब किसी घटना के पीछे तांत्रिक क्रिया या जादू का नाम आ रहा है। इससे पहले भी कई गंभीर मामलों में तांत्रिक क्रिया या जादू की आशंका जताई जा चुकी है। इससे कारोबार जगत भी अछूता नहीं है। कई कारोबारी परिवारों में भी काले जादू को लेकर बिखराव आ चुका है। कई परिवार तो इस काले जादू के चक्कर में टूट भी चुके हैं।
मुंबई के बड़े कारोबारी का हो चुका है तलाक

काले जादू का खौफ यह है कि मुंबई के एक बड़े कारोबारी का परिवार आज पूरी तरह से बिखर चुका है। जानकारी के अनुसार, देश में पेस्टीसाइड बनाने वाली कंपनी यूनाइटेड फॉस्फोरस लिमिटेड के मालिक और मुंबई के बड़े उद्योगपति जयदेव श्रॉफ ने अपनी पत्नी पूनम भगत पर काला जादू करने का आरोप लगाया था। जयदेव ने 2016 में आरोप लगाया था कि उनकी पत्नी पूनम भगत ने उनपर जादू टोना कराया था। जयदेव का कहना था कि उनकी पत्नी के एक बंगाली बाबा के साथ संबंध थे और वह उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करना चाहती थी। हालांकि पूनम के करीबियों ने इन आरोपों का खंडन किया था। बाद में दोनों का तलाक हो गया था।
कई अन्य कारोबारी परिवार भी प्रभावित

तांत्रिक क्रिया और जादू टोना करने वालों से जुड़े सूत्रों के अनुसार कई कारोबारी परिवार इसका सहारा लेते हैं। ये कारोबारी कई बार व्यापार में वृद्धि को कई बार विरोधियों को मात देने के लिए जादू-टोने का सहारा लेते हैं। इससे कई बार फायदा होता है तो कई बार बड़ा नुकसान भी हो जाता है। लेकिन पारिवारिक प्रतिष्ठा और कारोबारी हितों के चलते एेसे मामले सामने नहीं आ पाते हैं।
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