RIL Debt Free होने के करीब, JIO की 3 फीसदी हिस्सेदारी और बिकने की संभावना

Edelweiss Securities की रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ तीन फीसदी हिस्सेदारी बेचकर Debt Free हो जाएंगे Ambani
RIL ने संयुक्त रूप से Jio Platform में 78,562 करोड़ रुपये की 17 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी बेच दी है

<p>JIO&#8217;s 3 Pc stake likely to be sold, close to RIL Debt Free</p>

नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज ( Reliance Industries ) वित्तीय वर्ष 2020-21 के अंत तक शुद्ध रूप से एक कर्ज मुक्त कंपनी ( Debt Free Company ) बनने के अपने टारगेट को पूरा कर लेगी। इसके अलावा कंपनी की ओर से इस वित्तीय वर्ष के दौरान अन्य तीन फीसदी हिस्सेदारी बेचने की भी उम्मीद है। यह बात एडलवाइज सिक्योरिटीज ( Edelweiss Securities Report ) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कही गई है।

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कर्ज मुक्त हो जाएंगे अंबानी
एडलवाइज सिक्योरिटीज के अनुसार आरआईएल ( Ril ) 1.6 लाख करोड़ रुपए के अपने कथित शुद्ध कर्ज के आधार पर हमारे विचार के हिसाब से आराम से वित्त वर्ष 2021 तक शुद्ध रूप से ऋण मुक्त (जीरो डेट) हो जाएगी। जिस तरह से निवेशक दिलचस्पी दिखा रहे हैं, हम उम्मीद करते हैं कि आरआईएल इस साल जियो प्लेटफार्म ( Jio Platform ) में एक और तीन फीसदी हिस्सेदारी को आराम से बेच सकेगी। लगभग एक महीने के दौरान ही आरआईएल ने संयुक्त रूप से जियो प्लेटफार्म में 78,562 करोड़ रुपए की 17 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी बेच दी है।

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इनकी बिक्री कर सकते हैं अंबानी
रिपोर्ट में कहा गया है कि 27,700 करोड़ रुपए की शेष राशि को तीन मार्गों के द्वारा आराम से भुनाया जा सकता है। इनमें अरामको को हिस्सेदारी बिक्री, फाइबर ओसीपीएस की बिक्री, उच्चतर अनुमानित मुफ्त नकदी प्रवाह (एफसीएफ) और जियो में आगे की हिस्सेदारी की बिक्री शामिल है।

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ये हैं रिलायंस के पास ऑप्शन
रिपोर्ट के अनुसार, अरामको को ओ2सी परिसंपत्तियों की पांच फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री भी इस कमी को पूरा करने में मदद कर सकती है। फाइबर संपत्तियों में आरआईएल के वैकल्पिक रूप से परिवर्तनीय वरीयता शेयरों (ओसीपीएस) की कीमत उसके आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर 77,000 करोड़ रुपए है और इसे पूंजी जुटाने के लिए भुनाया जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार कार्यशील पूंजी प्रबंधन (वकिंर्ग कैपिटल मैनेजमेंट) भी एक अन्य रास्ता है, जिसका आरआईएल ने अतीत में अपने लाभ के लिए उपयोग भी किया है।

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