इसलिए जरूरी है आधार लिंकिंग
भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण के मौजूदा नियमों के अनुसार बीमाधारक को पॉलिसी खरीदने के 6 माह के अंदर अपनी आधार संख्या, पैन या फार्म-60 बीमा कंपनी में जमा कराना होगा। आधार नंबर नहीं होने पर बीमाधारक मनी- लांड्रिेंग रोधी (रिकार्ड का रखरखाव) नियम-2005 में दर्ज कोई भी वैध दस्तावेज बीमा कंपनी में जमा करा सकता है। बीमा नियामक ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकने और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए यह नियम बनाया है। इरडा के नियमों के अनुसार प्रवासी भारतीय पॉलिसीधारक आधार नंबर नहीं होने की स्थिति में भारतीय मनी लांड्रिंग रोधी कानून में शामिल कोई भी वैध दस्तावेज जमा करा सकते हैं।
भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण के मौजूदा नियमों के अनुसार बीमाधारक को पॉलिसी खरीदने के 6 माह के अंदर अपनी आधार संख्या, पैन या फार्म-60 बीमा कंपनी में जमा कराना होगा। आधार नंबर नहीं होने पर बीमाधारक मनी- लांड्रिेंग रोधी (रिकार्ड का रखरखाव) नियम-2005 में दर्ज कोई भी वैध दस्तावेज बीमा कंपनी में जमा करा सकता है। बीमा नियामक ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकने और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए यह नियम बनाया है। इरडा के नियमों के अनुसार प्रवासी भारतीय पॉलिसीधारक आधार नंबर नहीं होने की स्थिति में भारतीय मनी लांड्रिंग रोधी कानून में शामिल कोई भी वैध दस्तावेज जमा करा सकते हैं।
क्या है इरडा
बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) भारत सरकार की एक एजेंसी है। इसका उद्देश्य पॉलिसी धारकों के हितों की रक्षा करना, बीमा उद्योग का क्रमबद्ध विनियमन, संवर्धन तथा संबधित व आकस्मिक मामलों पर कार्य करना है। इसका मुख्यालय हैदराबाद में है। इसकी स्थापना संसद के अधिनियम आईआरडीए अधिनियम, 1999 से की गई थी। इरडा उपभोक्ता के हितों को सुनिश्चित करने के लिए बीमा कंपनियों का निरीक्षण करती है। यह आईआरडीए अधिनियम, 1999 की धारा 14(2) (ज) में प्रदत्त शक्तियों के अनुसार, सभी कंपनियों का मौके पर और मौके के अलावा निरीक्षण करता है। इरडा मौके के अलावा निरीक्षणों के माध्यम से उनके शोध क्षमता मामलों और वित्तीय रिर्पोटिंग मानदडों की नियमित निगरानी करता है।
बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) भारत सरकार की एक एजेंसी है। इसका उद्देश्य पॉलिसी धारकों के हितों की रक्षा करना, बीमा उद्योग का क्रमबद्ध विनियमन, संवर्धन तथा संबधित व आकस्मिक मामलों पर कार्य करना है। इसका मुख्यालय हैदराबाद में है। इसकी स्थापना संसद के अधिनियम आईआरडीए अधिनियम, 1999 से की गई थी। इरडा उपभोक्ता के हितों को सुनिश्चित करने के लिए बीमा कंपनियों का निरीक्षण करती है। यह आईआरडीए अधिनियम, 1999 की धारा 14(2) (ज) में प्रदत्त शक्तियों के अनुसार, सभी कंपनियों का मौके पर और मौके के अलावा निरीक्षण करता है। इरडा मौके के अलावा निरीक्षणों के माध्यम से उनके शोध क्षमता मामलों और वित्तीय रिर्पोटिंग मानदडों की नियमित निगरानी करता है।