दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं एक-दूसरे की पूरक गावो ने कहा कि दो बड़े विकासशील देशों और प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं के रूप में चीन और भारत दोनों के पास घरेलू बाजार है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं एक दूसरे के लिए अत्यधिक पूरक है, जो सहयोग की व्यापक क्षमता पैदा करते हैं।उन्होंने आगे कहा कि साल 2018 के अंत तक, भारत में चीनी निवेश बढ़कर 8 अरब डॉलर से अधिक हो जाएगा, क्योंकि चीनी कंपनियों के बीच अवसंरचना भागीदारी के लिए भारत एक महत्वपूर्ण बाजार और प्रमुख निवेश गंतव्य बन गया है।
शी चिनपिंग से मिलने जाएंगे पीएम मोदी पड़ोसी देश चीन के साथ बनते-बिगड़ते रिश्तों में आई मौजूदा गर्माहट के बीच गुरुवार की शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने के लिए रवाना होंगे। पीएम मोदी यहां चीनी राष्ट्रपति की ओर से आयोजित एक अनौपचारिक समिट में शिरकत करेंगे। इस समिट का आयोजन चीन के वुहान शहर में 27 और 28 अप्रैल को किया जाएगा। आपको बता दें कि बीते रविवार को इस संबंध में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अपनी भारतीय समकक्ष सुषमा स्वराज के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि हम कोशिश करेंगे कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच होने वाली इस अनौपचारिक बातचीत पूरी तरह सफल हो और यह भारत-चीन संबंधों में मील का पत्थर साबित हो।