अल्फाबेट के निदेशक मंडल में शामिल होंगे पिचाई पेज और ब्रिन कंपनी के साथ उसके सह संस्थापक, शेयर धारक और अल्फाबेट के निदेश मंडल के सदस्य के तौर पर जुड़े रहेंगे। पिचाई गूगल के सीईओ और अल्फाबेट के निदेशक मंडल के सदस्य भी रहेंगे। अल्फाबेट के निदेशक मंडल के चेयरमैन जॉन हेनेसी ने एक बयान में कहा, “लैरी और सर्गे के 21 सालों तक दिए गए योगदान के बारे में बताना असंभव है। मैं उनका आभारी हूं कि वे बोर्ड में आगे भी काम करते रहेंगे।”
ये भी पढ़ें: प्याज और सब्जियों के बाद के अब चीनी पर पड़ेगी महंगाई की मार, कीमत जा सकती है 45 पार
नई भूमिका से उत्साहित हैं पिचाई पिचाई ने कहा, “अल्फाबेट और प्रौद्योगिकी के माध्यम से बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए दीर्घकालिक फोकस करने के लिए मैं उत्साहित हूं। मैं नई भूमिकाओं में लैरी और सर्गे के साथ काम जारी रखने के लिए भी उत्साहित हूं।” उन्होंने कहा, “उन्हें धन्यबाद, हमारे पास एक अनंत मिशन, स्थायी मूल्य और सहयोग तथा अन्वेषण की संस्कृति है। हम एक मजबूत आधारशिला पर प्रगति करना जारी रखेंगे।”
नई भूमिका से उत्साहित हैं पिचाई पिचाई ने कहा, “अल्फाबेट और प्रौद्योगिकी के माध्यम से बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए दीर्घकालिक फोकस करने के लिए मैं उत्साहित हूं। मैं नई भूमिकाओं में लैरी और सर्गे के साथ काम जारी रखने के लिए भी उत्साहित हूं।” उन्होंने कहा, “उन्हें धन्यबाद, हमारे पास एक अनंत मिशन, स्थायी मूल्य और सहयोग तथा अन्वेषण की संस्कृति है। हम एक मजबूत आधारशिला पर प्रगति करना जारी रखेंगे।”
2004 में Google से जुड़े पिचाई पिचाई 2004 में गूगल से जुड़े थे और गूगल टूलबार विभाग और इसके बाद गूगल क्रोम के प्रमुख बने थे। गूगल क्रोम बाद में दुनिया का सबसे लोकप्रिय इंटरनेट ब्राउजर बन गया था। वर्ष 2014 में उन्हें गूगल के सभी उत्पादों और प्लेटफॉर्म्स के सभी प्रोडक्ट्स और इंजीनियरिंग की अगुआई करने के लिए नियुक्त किया गया। गूगल के प्लेटफॉर्म्स में सर्च, मैप्स, प्ले, एंड्रोएड, क्रोम, जीमेल और गूगल एप्स (अब जी सुइट) शामिल हैं। सुंदर अगस्त 2015 में गूगल के सीईओ नियुक्त हो गई। वे जुलाई 2017 में गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट के निदेशक मंडल में शामिल हो गए।
Google के विस्तार में अहम योगदान
Google के विस्तार में अहम योगदान
बतौर सीईओ, उनके नेतृत्व में गूगल ने आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) से लैस उत्पादों और सेवाओं को विकसित करने पर जोर दिया। इस दौरान कंपनी ने गूगल क्लाउड और यूट्यूब जैसे नए क्षेत्रों में निवेश किया और मशीन लर्निग (एमएल) तथा क्वांटम कम्प्यूटिंग जैसीउन्नत प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में अपना स्थान सबसे आगे कायम रखा। चेन्नई में पले-बढ़े पिचाई ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में इंजीनियरिंग की और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री और व्हार्टन स्कूल से एमबीए की डिग्री ली है।