गोयल ने बताया कि एमएसएमई के लिए वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला की अध्यक्षता में एक उपसमूह का गठन किया गया है।
नर्इ दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के उपायों पर विचार के लिए राज्यों के वित्त मंत्रियों का एक उपसमूह गठित किया है। बैठक के बाद वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि परिषद की शनिवार की बैठक ऐतिहासिक और असाधारण थी, क्योंकि यह पूरी तरह एमएसएमई को समर्पित थी। इसमें एमएसएमई के साथ ही खुदरा व्यापारियों की समस्याओं पर विचार किया गया। राज्यों ने इन मुद्दों पर अपने विचार रखें तथा सुझाव दिये। उन्होंने बताया कि बैठक का उद्देश्य छोटे तथा मध्यम उद्योगों और खुदरा व्यापारियों के लिए प्रक्रिया तथा नियमों का पालन आसान बनाने के उपाय तलाशना था। बैठक सार्थक रही।
उप समूह का किया गया गठन
गोयल ने बताया कि एमएसएमई के लिए वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला की अध्यक्षता में एक उपसमूह का गठन किया गया है। दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया, बिहार के वित्त मंत्री सुशील मोदी, असम के वित्त मंत्री हेमंत बिस्वा सर्मा, केरल के वित्त मंत्री थॉमस आइजैक और पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत ङ्क्षसह बादल उपसमूह के सदस्य होंगे।
एेसे होगा काम
जीएसटी परिषद की विधि समिति एमएसएमई के लिए नियमों और प्रक्रियाओं को आसान बनाने के उपायों के बारे में और फिटमेंट समिति कर की दरों के बारे में अपनी सिफारिशें उपसमूह को देंगी। उपसमूह सिफारिशों पर विचार के बाद अपना निर्णय परिषद के सामने रखेगा जिस पर अंतिम निर्णय परिषद का होगा।
छोटे व्यापारियों को पहुंचेगा लाभ
दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने उम्मीद जतायी कि उपसमूह की सिफारिशों से एमएसएमई क्षेत्र तथा नवाचारी उद्यमी लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि बड़ा व्यापारी बेशक सरकार को ज्यादा कर देता है, लेकिन छोटे व्यापारियों की संख्या ज्यादा है तथा ज्यादा रोजगार भी देते हैं। इसलिए कानून में दोनों के हितों का ध्यान रखना होगा।