जिस नियम से नीरव मोदी ने किया था घोटाला, उसे मोदी सरकार ने फिर शुरू करने की कही बात

वाणिज्य मंत्रालय की संसदीय स्थार्इ समिति ने राज्यसभा में एक रिपोर्ट पेश कर कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक से गारंटी पत्र (एलओयू) की सुविधा को तत्काल बहाल किया जाए।

<p>जिस नियम से नीरव मोदी ने किया था घोटाला, उसे मोदी सरकार ने फिर शुरू करने की कही बात</p>

नर्इ दिल्ली। बात ज्यादा पुरानी नहीं है नीरव मोदी आैर महुल चौकसी ने बैंकों में 14 हजार करोड़ रुपए का घोटाला कर देश से भाग गए थे। उन्होंने बैंकों के जिस नियम का फायदा उठाया था, इस घोटाले के बाद उस नियम को हटा दिया था। लेकिन मोदी सरकार के चहेते मंत्रियों ने एक बार फिर से उस नियम को बहाल करने को कहा है। अब सवाल ये है कि अगर इस नियम को संसद में बहाल ही करना था तो उसे रद ही क्यों किया गया था? आइए आपको भी बताते हैं कि सरकार की आेर से इस पर क्या तर्क दिया गया है?

समिति ने की है सिफारिश
वाणिज्य मंत्रालय की संसदीय स्थार्इ समिति ने राज्यसभा में एक रिपोर्ट पेश कर कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक से गारंटी पत्र (एलओयू) की सुविधा को तत्काल बहाल किया जाए। समिति ने केंद्रीय बैंक से कहा है कि वह उचित सुरक्षा उपायों के साथ एलओयू को फिर बहाल करे, जिससे कारोबारियों को ऋण की उपलब्धता बढ़ सके। समिति ने यह भी नोट किया कि व्यापार और उद्योग का प्रतिनिधित्व करने वाले सभी हितधारकों ने सर्वसम्मति से कहा है कि एलओयू और एलओसी सुविधा को बंद करने के परिणामस्वरूप क्रेडिट की लागत में 2-2.5 फीसदी की वृद्धि हुई है।

आरबीआर्इ को करना चाहिए था विचार विमर्श
रिपोर्ट के अनुसार इस कदम से देश के व्यापार और उद्योग की लागत प्रतिस्पर्धा प्रभावित होगी और इसका असर रोजगार पर पड़ेगा। देश नौकिरयों का नुकसान झेलने में सक्षम नहीं है। संसदीय समिति के अनुसार रिजर्व बैंक को एलओयू-एलओसी पर रोक लगाने से पहले अंशधारकों के साथ व्यापक विचार विमर्श करना चाहिए था। रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि बैंक अपने ऑपरेशन और क्रेडिट एक्सपोजर में बहुत कड़े हो गए हैं।

लगार्इ थी आरबीआर्इ ने रोक
एलओयू पर रोक लगाते हुए आरबीआई ने एक अधिसूचना में कहा था कि दिशा-निर्देशों की समीक्षा के बाद आयात के लिए बैंकों द्वारा एलओयू जारी किए जाने की सुविधा पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक लिखित जवाब में बताया था कि (पीएनबी) की मुंबई शाखा ने मार्च 2011 से नीरव मोदी से जुड़ी विभिन्न कंपनियों को 1,213 एलओयू जारी किए थे।

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