बिक रही है 44 साल पुरानी ये सरकारी कंपनी, आपके पास भी है खरीदने का मौका

सरकार ने सीईएल की पूर्ण हिस्सेदारी को बेचने के लिए पिछले साल ही अनुमति दे दी थी।

<p>बिक रही है 44 साल पुरानी ये सरकारी कंपनी, आपके पास भी है खरीदने का मौका</p>
नई दिल्ली। घाटे में चल रहीं सरकारी कंपनियों की हालत सुधारने में जुटी केंद्र की मोदी सरकार ने अब 44 साल पुरानी एक सरकारी कंपनी को पूरी तरह से बेचने का फैसला किया है। अब केंद्र सरकार ने जिस कंपनी को बेचने की योजना बनाई है उसका नाम सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) है। सरकार ने सीईएल की 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई है। इसके लिए सरकार ने शुक्रवार को बोलियां आमंत्रित कीं। यह बोलियां निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) की ओर आमंत्रित की गई हैं। दीपम ने 31 मार्च 2018 तक 50 करोड़ का नेटवर्थ रखने वाली कंपनियों और व्यक्तियों से रुचि पत्र (ईओआई) देने को कहा है।
ये है बोली जमा करने की अंतिम तारीख

दीपम की ओर से जारी किए गए विज्ञापन के अनुसार इच्छुक बोलीदाता 21 अक्टूबर 2018 तक अपनी बोली जमा कर सकते हैं। दीपम की ओर से जारी किए गए विज्ञापन के अनुसार, सरकार सीईएल में 100 फीसदी हिस्सदारी बेचने के साथ इसका प्रबंधन नियंत्रण भी स्थानांतरित करना चाहती है। आपको बता दें कि सरकार ने सीईएल की पूर्ण हिस्सेदारी को बेचने के लिए पिछले साल ही अनुमति दे दी थी।
इस मंत्रालय के तहत संचालित है सीईएल

सरकार की ओर से जिस कंपनी सीईएल को बेचने की योजना बनाई गई है अभी इसका प्रशासनिक नियंत्रण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के पास है। इस कंपनी की स्थापना 1974 में की गई है। यह पूरी तरह से सरकार के स्वामित्व वाला सार्वजनिक उपक्रम है। सीईएल का नेटवर्थ मार्च 2017 तक 50.34 करोड़ रुपए था।
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