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इंदौर और जयपुर में ट्रायल शुरू
पतंजलि के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ( Patanjali Managing Director Acharya Balkrishna ) ने बताया कि कंपनी किसी इंयूनिटी बूस्टर ( Imunity Booster ) की बात नहीं कर रही है। कंपनी की ओर से कोरोना की मेडिसिन ( Corona Medicine ) की बात कर रही है। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि बीते सप्ताह ही उन्होंने रेग्यूलेटरी मंजूरी ली और इंदौर ( Indore ) और जयपुर ( Jaipur ) में यह क्लीनिकल ट्रायल ( Clinical Trail ) शुरू कर दिया।
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फरवरी से शुरू कर दिया था इलाज
पतंजलि के मैनेजिंग डायरेक्टर के अनुसार पतंजलि ग्रुप की ओर से फरवरी 2020 से कोरोना वायरस के पेशेंट्स का इलाज शुरू कर दिया था। मार्च के महीने के पतंजलि ने हजारों कोरोना से पीडि़त मरीजों का इलाज किया, लेकनि वो इलाज किसी क्लीनिक ट्रायल का हिस्सा नहीं थे। उन्होंने कहा कि जिस इलाज की हमने खोज की है उसे प्रमाणित करने और रजिस्टर्ड कराने के लिए ही रेग्यूलेटर्स की ओर से मंजूरी लेकर ट्रायल शुरू किया है।
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पतंजलि भी हुई होड़ में शामिल
कोरोना के इलाज के लिए दुनिया की कई नामी कंपनिया रिसर्च कर रही हैं। उनके ट्रायल भी चल रहे हैं। सफलता किसी को भी हाथ नहीं लगी है। उन कंपनियों में गिलियड साइंसेज, फाइजर, जॉनसन एंड जॉनसन, मॉडर्ना, इनोवियो फार्मा और ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन जैसी कंपनियों के नाम शामलि हैं। इस लिस्ट में पतंजलि का नाम भी शामिल हो गया है। अगर पतंजलि अपने ट्रायल में सफल हो जाती है, तो उसके लिए बड़ी उपलब्धि और मानव जीवन के लिए अहम योगदान होगा।