जख्मी जूतों के डाॅक्टर का पता लगाने के बाद, अब आनंद महिन्द्रा एेसे करने जा रहे उसकी मदद

आनंद महिन्द्रा ने जो फोटो शेयर की थी उसमें एक मोची ने जूते मरम्मत करने वाले अपने दुकान में एक खास तरह का बैनर लगाया था।

नर्इ दिल्ली। आनंद महिन्द्रा ने पिछले दिनों ट्वीटर पर एक फोटो शेयर करते हुए कहा था, इस व्यक्ति काे भारतीय प्रबंधन संस्थान में मार्केटिंग का प्रोफेसर होना चाहिए। आनंद महिन्द्रा ने जो फोटो शेयर की थी उसमें एक मोची ने जूते मरम्मत करने वाले अपने दुकान में एक खास तरह का बैनर लगाया था। जिसपर लिखा था, “जख्मी जूतों का हस्पताल” आैर इसके साथ ही अस्पताल के तर्ज पर आैर भी कर्इ जानकारी लिखी गर्इ। इस ट्वीट के कुछ दिन बाद ही महिन्द्रा ने इस दुकान का पता तक ढूंढ निकाला है। उन्होंने इस शख्स की मदद करने की भी इच्छा जतार्इ थी।

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शेयर किया ट्वीटर पर आइडिया

अब इसी सिलसिले में आनंद महिन्द्रा ने एक आैर ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा है उनकी टीम ने ये डिजाइन नरसीजी को दिखाएं है, इसके साथ ही उन्होंने ट्वीटर यूजर्स से भी अपने आइडियाज शेयर करने को कहा है। महिन्द्रा ने कहा कि सड़क पर सामान बेचने वालों के लिए चलती-फिरती दुकानें बनार्इ जा सकती है। इससे सुंदरता भी बनी रहेगी आैर उनका काम भी बेहतर ढंग से हो पाएगा।

https://twitter.com/anandmahindra/status/986081222714507265?ref_src=twsrc%5Etfw

उनकी टीम ने लगाया था पता

महिन्द्रा के पहले ट्वीट के बाद ही उनकी टीम ने जख्मी जूतों हस्पताल नाम से दुकान चलाने वो इस शख्स के बारे पता लगाना शुरु कर दिया था। उनकी टीम ने पता लगाया तो जानकारी मिली की ये दुकान हरियाणा के जिंद की पटियाल चौक पर नरसीराम की दुकान है। नरसीराम ने लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए अपने दुकान पर एक बैनर लगाया था जिसमें उसने खुद को डाॅ नरसीराम बताया था आैर अपने दुकान का नाम जख्मी जूतों का हस्पताल रखा था।


काम करने के लिए नहीं है जरूरत

अपने ट्वीट में लिखते हुए महिन्द्रा ने कहा कि हमारी टीम हरियाणा में उनसे मिली आैर पूछा कि हम उनकी मदद कर सकते हैं। साधारण आैर नम्र व्यवहार वाले नरसीराम ने उनसे कोर्इ पैसे नहीं मांगे लेकिन उन्होंने काम करने के लिए बेहतर जगह की जरूरत के बारे में जिक्र किया । उन्होंने कहा कि मैने मुंबर्इ में अपने डिजाइन स्टूडियो से एक चलती-फिरती दुकान की डिजाइन तैयार करने को कहा है। आपको बता दें कि सबसे पहले नरसीराम की ये तस्वीर आनंद महिन्द्रा को व्हाट्सएेप के जरिए मिली थी जिसे उन्होंने ट्वीटर पर साझा किया था। ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि इस व्यक्ति को आइआइएम में टीचिंग फैकल्टी में होना चाहिए।


मोची नरसीराम के बारे में फिर से ट्वीट करते हुए महिंद्रा ने लिखा, ‘हरियाणा में हमारी टीम उनसे मिली और पूछा कि हम कैसे उनकी मदद कर सकते हैं। साधारण और नम्र नरसीजी ने पैसे नहीं मांगे उन्होंने काम करने के लिए बेहतर जगह की जरूरत के बारे में बताया।’ महिंद्रा ने आगे लिखा कि उन्होंने मुंबई की अपनी डिजाइन स्टूडियो टीम से एक चलती-फिरती दुकान डिजाइन करने को कहा। नरसी की तस्वीर वॉट्सऐप के जरिए मिलने पर महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा हैरान रह गए थे। इस अनोखे मार्केटिंग स्टाइल पर महिंद्रा ने ट्वीट किया था- ‘इस व्यक्ति को आईआईएम में टीचिंग फैकल्टी में होना चाहिए।’

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