सुशेन को जमानत मिली तो भाग सकता है विदेश
गत मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय ( enforcement directorate ) ने अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी मामले में गिरफ्तर सुशेन मोहन गुप्ता को लेकर कहा कि यदि इन्हे जमानत दे दी जाती है तो ये अन्य 36 भगोड़ों की तरह देश छोड़कर भाग सकते हैं। ईडी ने यह बात विशेष न्यायधीश अरविंद कुमार को बताई। सुनवाई के दौरान ईडी के वकील संवेदना वर्मा ने कहा कि जांच एक अहम मोड़ पर है। उन्होंने सुशेन मोहन पर यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने गवाह पर दबाव बनाने की कोशिश की है।
बीते साल अगस्त माह में लोकसभा में जमा किए एक रिपोर्ट के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने भी जानकारी दी है। दिलचस्प बात ये है कि वित्त मंत्रालय की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इन सभी घोटालेबाजों पर जांच अभी भी जारी है। इन घोटालों की सबसे खास बात ये है कि जो भी घोटाले सामने आएं और या हुए हैं वो साल 2014 के बाद ही हुए है। यानी मोदी सरकार की राज में ही ये सभी घोटाले सामने आए हैं या हुए हैं।
विजय माल्या के बाद भारत को चूना लगाने के मामले में दूसरे स्थान पर मेहुल चोकसी ( Mehul Choksi ) और उसका भांजा नीरव मोदी ( Nirav Modi ) है। फरवरी 2018 में इनके घोटाले का भंडाफोड़ हुआ था जिसमें इनपर पंजाब नेशनल बैंक ( Punjab National Bank ) को करीब 14,000 करोड़ रुपये की चपत लगाने का आरोप है। कागजातों के अनुसार चोकसी ने बैंकों से 7,080 रुपये का कर्ज लिया था वहीं नीरव मोदी ने 6,498 रुपये का कर्ज लिया था। मेहुल चोकसी गीतांजली ज्वेलर्स का प्रोमोटर हैं वहीं, नीरव मोदी अपने नाम की ही कंपनी से हीरा का कारोबार करता है। फिलहाल ये दोनों भारत में नहीं है और इनपर जांच की प्रक्रिया जारी है।
इस लिस्ट में अगला नाम स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड के प्रोमोटर चेतन संदेसरा, नीतिन संदेसरा और दिप्तीबेन संदेसरा का है। इन तीनों ने एक साथ मिलकर 5,383 करोड़ रुपये का बैंकों को चूना लगाया है। प्रवर्तन निदेशालय ने इस फार्मा कंपनी के 4,071 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है।
विन्सम डायमंड के प्रोमेटर जतीन मेहता पर भी 4,625 करोड़ रुपये के फ्रॉड का आरोप है। रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल चेतन मेहता के पास कैरेबियाई देश सेंट किट्स की नागरिकता है। 26 मार्च 2014 को चेतन मेहता पर केस दर्ज होने के बाद से इसपर अभी भी जांच जारी है।
कोलकाता की श्री गणेश ज्वेलरी हाउस के मालिक नीलेश पारेख, उमेश पारेख और कमलेश पारेख पर भी बैंक घोटाले का आरोप है। इन तीनों ने भी बैंकों को 2,672 करोड़ रुपये का चुना लगाया है।
इस लिस्ट में द्वारका दास इंटरनेशन की सभ्या सेठ पर 390 करोड़ रुपये के हेरफेर का आरोप है। सभ्या सेठ ने ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स से ये कर्ज लिया था। वहीं सूर्य फार्मक्यूटिकल्स के राजीव और अल्का गोयल पर भी 621 करोड़ रुपये के घालमेल का आरोप है। इन सबपर अभी भी जांच जारी है।
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