पहुंचने के लिए बनाया था फुल प्रूफ प्लान-
पश्चिम बंगाल के पांचों सांसदों ने लखीमपुर पहुंचने से पहले पुख्ता योजना बनायी। ताकि उनके उनके यहां आने की किसी को भनक तक न लग सके। पांच सांसद हो गुट में बंट कर यहां तक पहुंचे। पहले गुट में लोकसभा सांसद काकोली घोष दस्तिदार, राज्यसभा सांसद सुष्मिता देव शामिल थीं। तो दूसरे गुट में सांसद डोला सेन, प्रतिमा मंडल व अबीर रंजन बिस्वास शामिल थे। पहले गुट के सदस्य लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे, जहां पहले से ही पुलिस तैनात थी, लेकिन उनके आगमन के दौरान ही एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री ने पुलिस का ध्यान भटका दिया और वे वहां से निकलने में कामयाब हुए।
पश्चिम बंगाल के पांचों सांसदों ने लखीमपुर पहुंचने से पहले पुख्ता योजना बनायी। ताकि उनके उनके यहां आने की किसी को भनक तक न लग सके। पांच सांसद हो गुट में बंट कर यहां तक पहुंचे। पहले गुट में लोकसभा सांसद काकोली घोष दस्तिदार, राज्यसभा सांसद सुष्मिता देव शामिल थीं। तो दूसरे गुट में सांसद डोला सेन, प्रतिमा मंडल व अबीर रंजन बिस्वास शामिल थे। पहले गुट के सदस्य लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे, जहां पहले से ही पुलिस तैनात थी, लेकिन उनके आगमन के दौरान ही एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री ने पुलिस का ध्यान भटका दिया और वे वहां से निकलने में कामयाब हुए।
ये भी पढ़ें- खीरी हुआ छावनी में तब्दील, विपक्षों दलों को मृतकों के परिवार से मिलने की इजाजत मिली पर्यटकों की तरह आए पेश-
घोष दस्तिदार ने एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया कि वे आम नागरिकों की तरह पर्यटक के रूप में खुद को पेश किया। चेहरे पर मास्क व आम वेषभूषा के कारण नाकों पर खड़ी पुलिस को चकमा देने में वे कामयाब रहे। कई जगह उन्होंने लिफ्ट का सहारा लिया। मदद करने वालों ने उनकी पहचान जानना भी प्राथमिकता नहीं समझी।
घोष दस्तिदार ने एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया कि वे आम नागरिकों की तरह पर्यटक के रूप में खुद को पेश किया। चेहरे पर मास्क व आम वेषभूषा के कारण नाकों पर खड़ी पुलिस को चकमा देने में वे कामयाब रहे। कई जगह उन्होंने लिफ्ट का सहारा लिया। मदद करने वालों ने उनकी पहचान जानना भी प्राथमिकता नहीं समझी।
गूगल का लिया सहारा-
दूसरे गुट ने दिल्ली पहुंच वहां से लखीमपुर जाने के लिए सड़क मार्ग चुना, हालांकि इसमें उन्हें काफी वक्त लगा, लेकिन वह इसके लिए तैयार थे। यह जानते हुए कि रास्ते में कई जगह चेक पोस्ट मिलेगी, इन लोगों ने रणनीति बनायी। वे भी पर्यटक की तरह ही पेश आए। गूगल के सहारे अगले पर्यटन स्थल की जानकारी लेते हुए चेक पोस्ट पर पुलिस वालों को झांसा देते हुए लखीमपुर तक पहुंच गए।
दूसरे गुट ने दिल्ली पहुंच वहां से लखीमपुर जाने के लिए सड़क मार्ग चुना, हालांकि इसमें उन्हें काफी वक्त लगा, लेकिन वह इसके लिए तैयार थे। यह जानते हुए कि रास्ते में कई जगह चेक पोस्ट मिलेगी, इन लोगों ने रणनीति बनायी। वे भी पर्यटक की तरह ही पेश आए। गूगल के सहारे अगले पर्यटन स्थल की जानकारी लेते हुए चेक पोस्ट पर पुलिस वालों को झांसा देते हुए लखीमपुर तक पहुंच गए।
ये भी पढ़ें- जिम्मेदारी के पद पर बैठे लोगों को अनर्गल बयानबाजी से बचना चाहिए सीपीआई (एम) की ली मदद-
यहां तक पहुंचने के लिए इन्होंने कॉमर्शियल गाड़ी चुनी, ताकि यह पर्यटक लगें। इस दौरान सीपीआई(एम) के सदस्यों ने इनकी मदद की, जो हर कदम पर उन्हें फोन पर जानकारी दे रहे थे, जैसे कौन सा रास्ता चुनना है व कहां ठहरना है। रात के वक्त वह जर्जर होटल में रुके। पहले उन्होंने एक गुरुद्वारे में ठहरने का मन बनाया था, लेकिन पुलिस की संभावित रेड के डर से फैसला बदल दिया।
यहां तक पहुंचने के लिए इन्होंने कॉमर्शियल गाड़ी चुनी, ताकि यह पर्यटक लगें। इस दौरान सीपीआई(एम) के सदस्यों ने इनकी मदद की, जो हर कदम पर उन्हें फोन पर जानकारी दे रहे थे, जैसे कौन सा रास्ता चुनना है व कहां ठहरना है। रात के वक्त वह जर्जर होटल में रुके। पहले उन्होंने एक गुरुद्वारे में ठहरने का मन बनाया था, लेकिन पुलिस की संभावित रेड के डर से फैसला बदल दिया।
पंजाबियों जैसे ड्रेस पहनीं-
अगली सुबह मंगलवार को वे पंजाबियों जैसे कपड़े पहन कर लखीमपुर को निकले। पुलिस ने रास्ते में उनपर शक नहीं किया। उसी दिन उन्होंने मृतक के परिवार संग मुलाकात की।
अगली सुबह मंगलवार को वे पंजाबियों जैसे कपड़े पहन कर लखीमपुर को निकले। पुलिस ने रास्ते में उनपर शक नहीं किया। उसी दिन उन्होंने मृतक के परिवार संग मुलाकात की।