नहीं हो सकेंगे दुर्लभ गैंडों के दीदार :- दुधवा टाइगर रिजर्व में आए सैलानियों को इस बार गैंडों के दीदार नहीं हो सकेंगे। कोरोना संक्रमण की वजह से एलीफेंट राइडिंग पर रोक रहेगी। जिस वजह से सैलानी हाथियों की पीठ पर बैठकर गैंडा पुनर्वास परियोजना में दुर्लभ गैंडों के दीदार नहीं कर सकेंगे।
दुधवा टाइगर रिजर्व का इतिहास :- दुधवा टाइगर रिजर्व 886 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यहां पर साल व सागौन के घने व हरे भरे जंगल हैं। दुधवा टाइगर रिजर्व बंगाल टाइगर व एक सींघ वाले गैंडों के लिये काफी चर्चित है। जंगल के बीच स्थित किशनपुर इलाके को दुधवा का दिल माना जाता है। यहां पर सबसे अधिक सैलानियों को बाघ के दीदार होते हैं। सुविधाओं की कमी के बावजूद भी किशनपुर पर्यटकों का फेवरेट रहता है। इसके अलावा गुलरी घाट, घघरौला व सोनारीपुर में टाइगर दिख जाते हैं। दुधवा टाइगर रिजर्व में बाघ, गैंडा, हाथी, भालू, पाढा, चीतल, काकड़, सांभर, मगर, वानर व बारहसिंगा आदि स्वच्छंद वास करते हैं।
दुधवा पर्यटन परिसर में सुविधाएं :- दुधवा पर्यटन परिसर में 14 थारु हट, 2 डारमेट्री, वीआईपी गेस्ट हाउस है। आनलाइन बुकिंग के बावजूद दुधवा में ठहरने के लिए जगह की मारामारी रहती है। 1.14 थारु हट, दस हट का दो लोगों का किराया 3780 रुपए, साथ में वेलकम टी, नाश्ता और सिंगल पर्सन का 2520 रुपए प्रतिदिन देय।
2.20 बेड की एसी युक्त दो डोरमेट्री- 1155 रुपए जीएसटी सहित प्रति बेड चार्ज। 3. छह रुम का गेस्ट हाउस-रुम नम्बर एक का एक हजार रुपये, प्लस दो सौ रुपये साफ सफाई, रुम न. दो का 750 प्लस दो, सौ रुपएसाफ सफाई व रुम नम्बर तीन से पांच तक चार सौ रुपये प्लस दो, सौ साफ सफाई।
4.सोठियाना में चार लांग हट, चार रुम, चार सौ रुपये प्रति हट व रुम प्लस दो सौ रुपये साफ सफाई। 5. सोनारीपुर में रेस्ट हाउस के चार रुम, चार सौ रुपये प्रति रुम दो सौ रुपये साफ सफाई।
6. किशनपुर में दो रुम चार सौ रुपये किराया।